रद्द डिग्रियों के मामले  एआईसीटीई करेगा स्टूडेंट्स की मदद

Saturday, Nov 11, 2017 - 01:03 PM (IST)

नई दिल्ली : हाल में ही सुप्रीम कोर्ट दुारा 2001 के बाद डिस्टेंस एजुकेशन मोड से ली गई तकनीकी डिग्रियों को रद्द करने का आदेश के बाद लाखों विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। इसलिए विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक बैठक बुलाई है ताकि इससे प्रभावित हुए हजारों छात्रों को मुसीबत से निकाला जा सके। एचआरडी मंत्रालय एआईसीटीई के साथ मिलकर जल्द इस मामले में कदम उठा सकता है।

एआईसीटीई ले सकता है टेस्ट
इस मामले के मद्देनजर एआईसीटीई एक एप्टीट्यूड टेस्ट लेने पर विचार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित होने वाले विद्यार्थियों को बचाने के लिए 2001 से 2005 के बीच डिस्टेंस मोड से तकनीकी कोर्स की डिग्री लेने वालों के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट का आयोजन किया जा सकता है। अपने डिग्री को सुरक्षित करने के लिए विद्यार्थियों को यह एप्टीट्यूड टेस्ट पास करना होगा। यह टेस्ट गेट टेस्ट के बराबर होगा।

जल्द नीति बनाएगी एआईसीटीई
एआईसीटीई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम कोर्ट के आदेश को समझने की कोशिश कर रहे हैं। जल्द ही हम गेट जैसी परीक्षा की व्यवस्था करेंगे। इसके बारे में जल्द ही नीति निर्धारित कर ली जाएगी। एआईसीटीई के नियमों के अनुसार इंजीनियरिंग के किसी भी विषय की डिग्री डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए नहीं की जा सकती। काउंसिल ने ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग रेगुलेशन 2017 के अंतर्गत अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री के लिए दिए जाने वाले ग्रांट को लेकर न्यूनतम मानक निर्धारित किए हैं। 

संशोधित सिलेबस तैयार कर रही एआईसीटीई 
एआईसीटीई देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए नया संशोधित सिलेबस तैयार कर रही है। माना जा रहा है कि अगले शैक्षणिक सत्र से नया सिलेबस लागू कर दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक नए सिलेबस को मानव संसाधन विकास मंत्रालय से भी मंजूरी मिल चुकी है। सिलेबस में परिवर्तन करने का मकसद इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे छात्रों को नई टेक्नोलॉजी से रू-ब-रू कराने के साथ उन्हें रोजगार के अधिक मौके उपलब्ध कराना है। भारत में काफी समय से इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। 

सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने सत्र 2018-19 से बिना एआईसीटीई और यूजीसी के अनुमति के डिस्टेंस एजुकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया है। जेआरएन राजस्थान विद्यापीठ यूनिवर्सिटी, उदयपुर, विनायका मिशन रिसर्च फाउंडेशन, सलेम, तमिलनाडू, आईएएसई डीम्ड यूनिवर्सिटी, राजस्थान बिना यूजीसी की अनुमति के डिस्टेंस एजुकेशन कोर्स का संचालन कर रहे थे। कोर्ट ने इन संस्थानों के अप्रूवल पर सीबीआई जांच करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इन यूनिवर्सिटीज को छात्रों से ली गई ट्यूशन फीस को भी लौटाने का आदेश दिया है।

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