NEET जीरो नंबर के बाद भी मिल गई MBBS में एडमिशन

Monday, Jul 16, 2018 - 12:39 PM (IST)

नई दिल्ली:  2017 में NEET के नतीजों के बाद एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है। इस परीक्षा को देने वाले करीब 400 छात्र ऐसे हैं, जिनके फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायोलॉजी में सिंगल डिजिट में नंबर आए हैं। ऐसे छात्रों को भी एमबीबीएस कोर्स में ऐडमिशन मिल गया है जिनके NEET (नीट) में जीरो या उससे भी कम नंबर हैं। मेडिकल कोर्सों में आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा NEET में कम से कम 400 छात्रों को फिजिक्स और केमिस्ट्री में सिंगल डिजिट में नंबर मिले और 110 छात्रों को जीरो नंबर। फिर भी इन सभी छात्रों को एमबीबीएस कोर्स में दाखिला मिल गया। 

ज्यादातर छात्रों को दाखिला प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में मिला है। इससे यह सवाल उठता है कि जीरो नंबर मिलने के बाद भी अगर इन छात्रों को एडमिशन मिल सकता है तो फिर टेस्ट की क्या जरूरत रह जाती है। उन 1,990 छात्रों के मार्क्स का विश्लेषण किया जिनका 2017 में एडमिशन हुआ और उनके मार्क्स 150 से भी कम है। 530 ऐसे स्टूडेंट्स सामने आए जिनको फीजिक्स, केमिस्ट्री या दोनों में जीरो या सिंगल डिजिट में नंबर मिले। 

शुरू में कॉमन एंट्रेंस एग्जामिनेशन के लिए जारी किए गए नोटिफिकेशन में हर विषय में कम से कम 50 फीसदी नंबर लाना अनिवार्य किया गया था। बाद में आए नोटिफिकेशन में पर्सेंटाइल सिस्टम को अपनाया गया और हर विषय में अनिवार्य नंबर की बाध्यता खत्म हो गई। इसका असर यह हुआ कि कई कॉलेजों में जीरो या सिंगल डिजिट नंबर लाने वाले छात्रों को भी ऐडमिशन मिल गया। 

ज्यादातर अमीर बच्चों का हुआ एडमिशन
अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो पाएंगे कि इन 530 स्टूडेंट्स में से 507 ने निजी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया है। इनकी औसत फीस 17 लाख प्रति वर्ष से ज्यादा है। इसमें होस्टल, मेस, लाइब्रेरी और दूसरी फीस शामिल नहीं है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो छात्र कम नंबर लाकर एमबीबीएस में दाखिला ले रहे हैं, वह कितने अमीर घरों से ताल्लुक रखते हैं।

pooja

Advertising