तदर्थ शिक्षकों में बढ़ता जा रहा गुस्सा मार्च निकाल की समायोजन की मांग

Tuesday, Jan 29, 2019 - 05:40 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में तदर्थ शिक्षकों के समायोजन की मांग को लेकर शिक्षकों का रोष बढ़ता जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन से लगातार तदर्थ शिक्षकों के समायोजन की मांग की जा रही है। इसी कड़ी में सोमवार शाम शिक्षकों ने नॉर्थ कैम्पस स्थित आर्ट फैकल्टी गेट-4 पर एकत्र होकर 200 प्वाइंट रोस्टर और तदर्थ शिक्षकों की समायोजन की मांग को लेकर नारेबाजी की। इस दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) अध्यक्ष राजीव रे, उपाध्यक्ष सुधांशु कुमार, डूटा के पूर्व अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्रा, कार्यकारी परिषद के सदस्य राजेश झा और अकादमिक परिषद के सदस्य प्रो. हंसराज सुमन सहित कई शिक्षकों ने अपनी-अपनी बातें रखी। 

 

शिक्षकों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर यहां से क्रांति चौक, रामजस कॉलेज, दौलत राम कॉलेज, श्रीराम कॉलेज, पटले चौक, जय जवान से होते हुए डीयू के वाइस चांसलर के आवास तक पैदल मार्च किया। देर शाम  शिक्षकों ने वीसी आवास के पास पहुंचकर केंद्र सरकार से 200 प्वाइंट रोस्टर के लिए संसद में बिल लाने की मांग के साथ समाप्त किया। प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर लंबा जाम लगा रहा। तदर्थ शिक्षकों ने कहा कि केंद्र सरकार ने वादा किया था कि अगर कोर्ट में 200 प्वाइंट रोस्टर को हरी झंडी नहीं मिलती है तो हम इसपर बिल लाकर पास करेंगे। हमारी मांग है कि सरकार अपनी वादा को पूरा करें। 


डूटा के सह-सचिव आलोक पांडेय का कहना है कि दरअसल सरकार आरक्षण को समाप्त करने की पूरी कोशिश में जुटी है। यही वजह है कि आज डीयू में 60 प्रतिशत शिक्षक एडहॉक हैं। अब ये शिक्षकों को ठेके में रखने की बात कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकार सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण का बिल लेकर आई है। उन्होंने कहा कि अगर नौकरियां ही नहीं रहेंगी तो ये आरक्षण किस काम का। प्रो. सुमन ने बताया कि सरकार को 200 प्वाइंट रोस्टर के साथ-साथ सालों से पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षकों के समायोजन पर अध्यादेश लाकर शिक्षकों की समस्या को सुलझाने की जरूरत है।

pooja

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