Abhijit Banerjee: जानें कौन हैं अभिजीत बनर्जी, जिन्हें मिला अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार

punjabkesari.in Wednesday, Oct 16, 2019 - 08:59 AM (IST)

नई दिल्ली: इस हफ्ते साल 2019 के नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की गई। बता दें कि इस बार नोबेल पुरस्कार से 3 शख्सियतों को नवाजा गया है। इस लिस्ट में सबसे पहला नाम अभिजीत बनर्जी विनायक का है और इसके साथ इश्तर डूफलो और माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से ये सम्मान देने की घोषणा की गई है।

Image result for Abhijit Banerjee: कौन हैं अभिजीत बनर्जी जिन्हें मिला अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार

अर्थशास्त्र में पुरस्कार विजेताओं का चयन रॉयल स्वीडिश अकैडमी ऑफ साइंसेज करती है। इन तीनों को दुनिया भर में ग़रीबी दूर करने के लिए एक्सपेरिमेंट अप्रोच के लिए ये सम्मान दिया गया है। माना जा रहा है कि बीते दो दशक के दौरान इस अप्रोच का सबसे अहम योगदान रहा। दुनिया भर में ग़रीबों की आबादी 70करोड़ के आसपास मानी जाती है।

Image result for Abhijit Banerjee Nobel Prize for Economics

जानें कौन हैं अभिजीत बनर्जी

1. अभिजीत बनर्जी अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। बनर्जी ने संयुक्त रूप से अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब की स्थापना की थी।

Image result for Abhijit Banerjee: कौन हैं अभिजीत बनर्जी जिन्हें मिला अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार

2. अभिजीत का जन्म 21 फरवरी 1961 में कोलकाता में हुआ था, इनकी माता निर्मला बनर्जी कोलकाता के सेंटर फॉर स्टडीज इन सोशल साइंसेज में प्रोफेसर थीं। पिता दीपक बनर्जी प्रेसीडेंसी कॉलेज में इकोनॉमिक्स की प्रोफेसर थे।

3. पढ़ाई और करियर
अभिजीत बनर्जी की स्कूलिंग कोलकाता के साउथ प्वाइंट स्कूल में की, फिर ग्रेजुएशन कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में की। इसके बाद 1983 में इकोनॉमिक्स से एमए जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सटी से किया. बाद में 1988 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की।

4. अभिजीत बनर्जी ने एमआईटी की लेक्‍चरार डॉक्‍टर अरुणधति तुली बनर्जी से विवाह किया था, लेकिन बाद में उनका तलाक हो गया। इसके बाद अभ‍िजीत ने साल 2015 में अर्थशास्‍त्री एस्‍थर डफलो के साथ विवाह किया। अभिजीत के साथ एस्‍थर को भी संयुक्‍त रूप से इस बार अर्थशास्‍त्र का नोबेल पुरस्‍कार दिया गया है।

5.अभिजीत बनर्जी के ही एक अध्ययन पर भारत में विकलांग बच्चों की स्कूली शिक्षा की व्यवस्था को बेहतर बनाया गया, जिसमें क़रीब 50 लाख बच्चों को फ़ायदा पहुंचा है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Author

Riya bawa

Recommended News

Related News