दिल्ली में अर्थशास्त्र  से पंजाबी भाषा का एक पैरोकार- प्रिंसीपल  जसविंदर सिंह

punjabkesari.in Wednesday, Feb 20, 2019 - 12:31 PM (IST)

नई दिल्ली--(सुरिंदर पाल सैनी) दिल्ली विशवविद्यालय के प्रसिद्ध कॉलेज श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज के प्रिंसिपल का मुख्य विषय अर्थशास्त्र रहा है लेकिन अपने विष्य के साथ -साथ पंजाबी भाषा के लिए उनका प्यार कूट -कूट कर भरा हुआ है। यही कारण है कि दिल्ली विशवविद्यालय के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों में डॉ. जसविंदर सिंह पंजाबी विषय में की जाने वाली गतिविधियों में हमेशा अग्रणीय रहते हैं। 
         

आप यूनिवर्सिटी की एकेडीमिक कॉउन्सिल , एडजेक्टिव कॉउन्सिल के साथ-साथ इंडिया इंटरनेशनल इंटेलेक्टुअल सोसाइटी के सचिव के पद पर भी रह चुके हैं। यू. जी. सी. के सदस्य रहते हुए उन्होने अध्यापकों के हकों के लिए आवाज़ भी बुलंद की। डॉ: जसविंदर सिंह की लोकप्रियता का अनुमान इस बात से ही लगाया जा सकता है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के साथ साथ वह सी.बी.एस.ई. जैसे बोर्ड से भी जुड़े हुए हैं। उनका कॉलेज में पढ़ाने का सफर धीरे-धीरे दिल्ली के विख्यात खालसा कॉलेज के प्रिंसीपल के ओहदे  तक जा पहुंचा। 

 

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अपने कॉलेज में वह स्नातक व स्नाकोत्तर वर्गों में अधिक से अधिक छात्रों को पंजाबी विषय लेने के लिए प्रेरित करते हैं। फलस्वरूप पंजाबी विषय को लेकर पढने  वाले विद्यार्थी काफी संख्या में यहां प्रवेश लेते हैं।  दिल्ली की साहित्यक और धार्मिक संस्थाएं डॉ: जसविंदर सिंह को अपने कार्यक्रमों में बुलाना अपनी शान समझती हैं। समय की मांग को समझते हुए उन्होंने छात्रों का भविष्य सवारने हेतु अपने कॉलेज में अनेक 'प्रोफेशनल कोर्सों 'की शुरुआत की है जिससे छात्र समय के अनुरूप चल सकें। 
         

इसके अलावा डॉ: जसविंदर सिंह कॉलेज में पंजाबी विषय पढ़ने वाले छात्रों के लिए सदा चेतन्न रहते हैं। इसकी जीवन्त मिसाल है कि  वह हर वर्ष पंजाबी के छात्रों के लिए 'कॉउन्सिलिंग ' का प्रबंध करते हैं और छात्रों को पंजाबी भाषा में करियर बनाने के लिए उत्साहित करते हैं। इसके लिए वह जहां पंजाबी हेल्प लाइन जैसी प्रख्यात संस्था को बुलाकर कॉउंसलिंग करवाते हैं वहां पंजाबी के इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया को भी छात्रों से मुलाकात का बंदोबस्त कर पढ़ाई के दौरान ही नौकरी के लिए चयनित करने के मौके छात्रों को प्रदान कर रहे हैं। कॉलेज में ही साहित्यक सभा की स्थापना कर उन्होंने नए लेखकों, कवियों के लिए एक नया धरातल तैयार करने  की अहम भूमिका निभाई है। 
        
    

   


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pooja

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