प्रिंसिपलों की कमी से जूझ रहे है दिल्ली सरकार के 80 फीसदी स्कूल

Sunday, Jul 22, 2018 - 11:53 AM (IST)

नई दिल्ली : स्कूलों में बेहतर सुधार करने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। चौंका देने वाली बात है कि दिल्ली सरकार के 80 फीसदी स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं हैं। यह बात हम नहीं, बल्कि सरकारी आंकड़े बता रहे हैं। दिल्ली सरकार के अधीन कुल 1024 स्कूल हैं। जिसमें 800 स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं हैं। ऐसे में अध्यापकों और बच्चों की समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है। सूत्रों ने बताया कि रनहौला, कुवंर सिंह नगर रनहौला, हैदरपुर, शालीमार बाग, बवाना, मेट्रो विहार, रोहिणी जैसे तमाम स्कूलों में वाइस प्रिंसिपल को ही प्रिंसिपल का कार्यभार सौंपा गया है। 

स्कूलों में प्रिंसिपल की भर्ती के लिए सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम भी नहीं उठाया जा रहा है। प्रिंसिपल के खाली पड़े पदों को लेकर अध्यापकों में भी नाराजगी का माहौल बना हुआ है। क्योंकि उनकी समस्या की ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। अध्यापक डॉ. जेपी दलाल ने बताया कि वर्ष 2010 में प्रिंसिपल की भर्ती के लिए यूनियन पब्लिक सर्विस कमीश्न (यूपीएससी) की ओर से विज्ञापन निकाला गया था। जिसके बाद से आज तक कोई विज्ञापन भर्ती के लिए नहीं निकाला गया है। उन्होंने बताया कि आठ वर्षों से स्कूलों में प्रिंसिपल के पद खाली हैं। मौजूदा वक्त में करीब 200 प्रिंसिपल ही कार्यरत हैं। 

नाम न छापने की शर्त पर एक अध्यापक ने बताया कि रोहिणी सेक्टर 21-22 के स्कूलों में एक शिफ्ट में ही दो-दो वाइस प्रिंसिपल कार्यरत हैं। अध्यापकों ने बताया कि 50 फीसदी प्रमोशन शिक्षा विभाग की ओर से और 50 फीसदी डायरेक्ट भर्ती यूपीएससी की ओर से कराने के लिए दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव रखा था। लेकिन इस प्रस्ताव को मंजूरी न मिलने के कारण खामियाजा स्कूल को भुगतना पड़ रहा है। अध्यापकों ने बताया कि हाल ही में वाइस प्रिंसिपल के खाली पदों के लिए भर्तियां निकाली गई थी। जिसमें पदोन्नत हुए वाइस प्रिंसिपल नए होने के कारण प्रशिक्षित नहीं है। जिस कारण भी उन्हें काम करने में और काम को समझने में काफी मुश्किल हो रही है। उधर, इस मामले में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के जन संपर्क अधिकारी अमरदीप ने अस्पताल में व्यस्त होने की बात कह कर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। वहीं, उप शिक्षा निदेशक भी प्रिंसिपल की कमी के मुद्दे पर बचती नजर आईं।
 

bharti

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