ग्लोबल एजुकेशन सर्वे का सच,भारत में 74% स्कूली छात्र लेते हैं इस विषय का ट्यूशन

Thursday, Nov 22, 2018 - 05:01 PM (IST)

नई दिल्ली : भारत में बड़ी संख्या में स्टूडेंट ट्यूटोरियल क्लासेस पर निर्भर रहते हैं हैं। इनमें से 74 फीसदी स्टूडेंट मैथ विषय के लिए एक्स्ट्रा क्लास लेते हैं, ताजा सर्वे से ये बात सामने आई है। ग्लोबल एजुकेशन के द्वारा कराए गए ताजा सर्वे से पता चला है कि भारत में 72 फीसदी स्कूली बच्चे ऐसे हैं जो एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी में दिलचस्पी से भाग लेते हैं। एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी के पैटर्न में हालांकि खेल की तरफ बच्चों का रुझान कम नजर आता है। बता दें कि इस सर्वे के माध्यम से ये पता लगाने की कोशिश की गई है कि टीचर अपने बच्चों से किस हद तक जुड़े हैं।

जब बात बच्चों की शिक्षा की आती है तो सर्वे में ये बात सामने आई है कि 66 फीसदी पेरेंट्स अपने बच्चों से हमेशा उनकी पढ़ाई और उनकी एक्स्ट्रा करिकुलर गतिविधियों को लेकर चर्चा करते रहते हैं। ये आंकड़े कैंब्रिज इंटरनेशनल ग्लोबल एजुकेशन सेंसस की है। टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से ये खबर हम यहां आपको बता रहे हैं। सर्वे में अमरीका, पाकिस्तान, मलेशिया, साऊथ अफ्रीका और अर्जेंटीना सहित कुल 10 देशों को शामिल किया गया था। 


भारत की तरफ से सर्वे में सैंपल के तौर पर 4,400 टीचर और 3,800 स्टूडेंट्स को शामिल किया गया था। इसमें सीबीएसई बोर्ड के अलावा अन्य बोर्ड के छात्र भी शामिल थे। सर्वे के मुताबिक भारतीय छात्रों में हमेशा की तरह करियर ओरियेंटेड स्टडी मेडिसिन और इंजीनियरिंग की पढ़ाई की तरफ रूझान देखा गया। ऐसा भी देखा गया है कि भारत में 8 फीसदी छात्रों में वैज्ञानिक बनने की इच्छा है। वहीं 16 फीसदी बच्चों में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की तरफ रूझान होता है।

क्या कहता है सर्वे
सर्वे के मुताबिक 84.7 फीसदी स्टूडेंट्स अंग्रेजी की तरफ रूझान रखते हैं वहीं 78 फीसदी बच्चों में मैथेमैटिक्स की तरफ रूझान है। इसके बाद 73.1 फीसदी बच्चों का रूझान फिजिक्स जबकि 71.8 फीसदी बच्चों का रूझान केमिस्ट्री की तरफ है। वहीं 47.8 फीसदी बच्चों का रूझान कंप्यूटर साइंस की तरफ देखा गया।

 

रिपोर्ट में ये भी देखा गया कि 72 फीसदी बच्चे एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी की तरफ व्यस्त हैं। उनमें 3 फीसदी बच्चे ही सप्ताह में छह घंटे से ज्यादा पढ़ाई करते हैं, 36.7 फीसदी बच्चे सप्ताह में केवल 1 घंटे के लिए खेलों में रुचि रखते हैं। वहीं चौंकाने वाली बात ये है कि 26.4 फीसदी बच्चे स्कूलों में किसी भी तरह के खेलों में रुचि नहीं दिखाते हैं।

 

सर्वे के अनुसार 31.8 फीसदी बच्चे ऑनलाइन कोर्स करते हैं। वहीं सर्वे में एक अहम बात सामने आई है कि लगभग 60.4 फीसदी टीचर को ये लगता है कि स्कूल परीक्षा में बच्चों का परफॉर्मेंस उनकी टीचिंग का नतीजा है। 

 

Sonia Goswami

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