भारत के 61 % लोगों की मंशा ऑफिस जाने का टाइम भी हो वर्किंग ऑर्व्‍स में शामिल

punjabkesari.in Thursday, Mar 14, 2019 - 06:15 PM (IST)

नई दिल्ली : आज के बढ़ते मंहगाई के दौर में ज्यादातर लोग नौकरीपेशा है। ऐसे में नौकरी कर रहे कई लोगों का ऑफिस आने - जाने में बहुत वक्त जाया हो जाता है। इसलिए देश के ज्यादातक नौकरीपेशा लोग चाहते है कि  ट्रैवल में लगने वाले समय को भी  कामकाज के घंटे में शामिल किया जाए। हॉल में ही जारी हुए  आईडब्ल्यूजी ग्लोबल वर्कस्पेस के सर्वे में यह बात सामने आई है। आईडब्ल्यूजी ने इस सर्वे में  80 से ज्यादा देशों में विभिन्न उद्योग में कार्यरत 15 हजार पेशेवरों के विचार को शामिल किया गया है। इसके अलावा ये भी माना गया है कि कर्मचारियों को आकर्षित करने और प्रतिभा को जोड़े रखने के इरादे से भारत में 80 प्रतिशत कंपनियां कामकाज के तौर-तरीके में लचीलापन लाई हैं। 
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61 % लोगों का मानना वर्किंग ऑवर में शामिल हो टाइम
आईडब्ल्यूजी ने एक बयान में कहा, 'दफ्तर जाने वालों में से 61 प्रतिशत मानते हैं कि कामकाज के घंटे में वर्क प्लेस तक पहुंचने और वहां से घर तक पहुंचने में लगने वाले समय को भी शामिल किया जाए। साथ ही 41 प्रतिशत ने कहा कि वर्क प्लेस पर जाना और वहां से घर आना कामकाजी दिन का हिस्सा है और वे चाहते हैं कि यह कम-से-कम हो। 

प्रोडक्टिविटी  और प्रतिभा को बनाये रखने को लेकर गंभीर
वैश्विक स्तर पर करीब 42 प्रतिशत पेशेवरों का मानना है कि काम के में वर्क प्लेस तक पहुंचने में लगने वाले समय को शामिल किया जाना चाहिए। आईडब्ल्यूजी के सीईओ और संस्थापक मार्क डिक्सन ने कहा कि कामकाज में लचीलापन को किसी भी उस कारोबार के लिए नया मानक माना जा रहा है जो प्रोडक्टिविटी और प्रतिभा को बनाये रखने को लेकर गंभीर हैं। 
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अतिरिक्त सर्वे में यह भी बात सामने आई है कि जिन  कंपनियों में सुविधानुसार मन मुताबिक जगह से काम करने की नीति नहीं है उन कंपनियों को प्रतिभावान कर्मचारियों के कहीं और जाने का जोखिम है। वहीं ग्लोबल स्तर पर 71 प्रतिशत और भारत में में 81 प्रतिशत कंपनियों ने माना है कि काम में लचीलापन लाने से उन्हें प्रतिभा का दायरा बढ़ाने में मदद मिली है। 


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