'बोइंग' पर पूछा गया एक सवाल आपको करवा सकता है फेल

punjabkesari.in Wednesday, Mar 13, 2019 - 01:04 PM (IST)

एजुकेशन डेस्कः विषय कोई भी हो परीक्षा में उसका खास मतलब बन ही जाता है। छात्रों के लिए जरुरी है कि हर दिन उठने वाले मुद्दों को अपने जहन में रखें क्योंकि इन मुद्दों से संबंधित पूछा गया एक भी प्रशन आपको फेल करवा सकता है। इन्हीं में से एक सवाल है 'बोइंग' पर । आखिर क्या है ये। क्योंकि इन दिनों से सुर्खिया बटोर रहा है। 


बता दें पिछले रविवार को इथोपियन एयरलाइंस का एक विमान बोइंग 737 मैक्स 8 दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जहाज में सवार सभी लोगों की हादसे में मौत हो गई। विमान क्रैश होने के कारणों की जांच की जा रही है। लेकिन मैक्स 8 विमान की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हुए हैं। इसके बाद भारत सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए बोइंग 737 मैक्स 8 विमान पर रोक लगा दी है। इसी कड़ी में आप को बताने जा रहे हैं कि आखिर 'बोइंग' है क्या।
 
आइए जानते हैं 'बोइंग' है क्या
संयुक्त राज्य अमेरिका में बोइंग कॉमर्शियल एयरप्लेन इकाई है जिसने बोइंग 747 विमान को तैयार किया जिसे अक्सर जंबो जेट या आसमान की रानी के उपनाम से जाना जाता है। यह विमान विश्व का सर्वाधिक पहचाना जाने वाला वायुयान है।  संयुक्त राज्य अमेरिका में बोइंग कॉमर्शियल एयरप्लेन इकाई द्वारा निर्मित 747 के मूल संस्करण का आकार, 1960 के दशक के आम बड़े व्यावसायिक विमानों में से एक, बोइंग 707 के आकार का ढाई गुना था। 747 ने सर्वप्रथम व्यावसायिक उड़ान 1970 में आरम्भ कर लगातार 37 वर्षों तक यात्री वहन क्षमता का कीर्तिमान बरकरार रखा।


भारत में भी होता था 'बोइंग' का इस्तेमाल
आपको ये भी बता दें कि भारत में स्पाइस जेट और जेट एयरवेज बोइंग के 737 मैक्स मॉडल का इस्तेमाल करती हैं। स्पाइस जेट के पास करीब 12 ऐसे विमान हैं, जबकि जेट एयरवेज के पास ऐसे पांच विमान हैं।  बोइंग 737 मैक्स के चार मॉडल हैं। 737 मैक्स 7, 737 मैक्स 8, 737 मैक्स 9 और 737 मैक्स 10। 737 मैक्स 7 मॉडल में 172 लोगों की बैठने की क्षमता है। यात्रियों को बिठाने की इसकी क्षमता कम है लेकिन यह सबसे ज्यादा 7,130 किलोमीटर तक का एक बार में सफर कर सकता है। 737 मैक्स 8 में 210 यात्री बैठ सकते हैं और यह 6,570 किलोमीटर का सफर कर सकता है। 737 मैक्स 9 में 220 सीटें हैं और 6,570 किलोमीटर तक सफर क्षमता है। 737 मैक्स 10 में 230 सीटें हैं और 6,110 किलोमीटर तक का सफर कर सकता है।

 

बोइंग में ये है सबसे बड़ी समस्या
बोइंग में समस्या की बात करें तो इसके इंजन, सॉफ्टवेयर में समस्या है और पायलटों के बीच प्रशिक्षण का अभाव है। इसके इंजन में दिक्कत के कारण कई बार जहाज की रफ्तार खुद से कम हो जाती है और जहाज
बंद हो जाता है। इस समस्या से निपटने के लिए बोइंग ने MCAS नाम का एक सॉफ्टवेयर इसमें लगाया है। लेकिन इस सॉफ्टवेयर में भी दिक्कत है और कई बार गलत निर्देश देता है। दुनिया भर में मुठ्ठी भर पायलटों को ही बी737 मैक्स के सिम्युलेटर पर प्रशिक्षण दिया गया है। पायलटों की बड़ी संख्या ऐसी है जिनको प्रशिक्षण नहीं दिया गया है।


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Sonia Goswami

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