5,759 उम्मीदवारों ने दी एच.टैट की परीक्षा

punjabkesari.in Monday, Jan 07, 2019 - 12:47 PM (IST)

कैथल: उपायुक्त धर्मवीर सिंह ने बताया कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा आयोजित हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा की टी.जी.टी. लैवल-2 तथा प्राइमरी टीचर लैवल-1 की लिखित परीक्षा जिला प्रशासन द्वारा किए गए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंधों के मध्य नकल रहित व शांतिपूर्वक सम्पन्न हुई। लिखित परीक्षा में दोनों सत्रों के दौरान कुल 6,485 उम्मीदवारों में से 5,759 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी। उपायुक्त धर्मवीर ने बताया कि लिखित परीक्षा के लिखित परीक्षा के प्रात: कालीन सत्र में 3,383 उम्मीदवारों में से 2,959 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी। इसी प्रकार सायंकालीन सत्र में 3,102 उम्मीदवारों में से 2,800 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी। सभी परीक्षा केंद्रों के मुख्य प्रवेश द्वार पर जांच-पड़ताल के बाद उम्मीदवारों को अंदर प्रवेश की स्वीकृति दी गई तथा बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज की गई। सभी परीक्षा केंद्रों में मोबाइल जैमर, सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए गए थे तथा लिखित परीक्षा की वीडियोग्राफी भी करवाई गई। लिखित परीक्षा हेतु पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए थे तथा प्रशासनिक अधिकारियों की टीमें गठित की गई थी। 


महिला परिक्षार्थियों को आई परेशानी
परीक्षा केंद्र के अंदर जाने के लिए परिक्षार्थियों को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। सबसे ज्यादा परेशानी महिला परीक्षाॢथयों को आई। नवविवाहित महिलाओं के शगुन का चूड़ा तक उतरवा लिया गया। पुलिस कर्मियों द्वारा चैकिंग करने के बाद ही परीक्षाॢथयों को अंदर जाने दिया गया। परिक्षार्थियों के जूते व जुराबें उतरवाकर चैकिंग की गई। हेयर पिन, पेन, पैंसिल, चूडिय़ां, कड़े, हेयर रबड़, दवाइयां भी तलाशी के दौरान निकलवाई गईं। कई अन्य महिलाओं ने अपने आभूषण उतारकर अपने परिजनों को दे दिए। 

परिजनों ने संभाले बच्चे

कई महिला परिक्षार्थियों अपने छोटे बच्चों को लेकर पहुंची थीं। परीक्षा शुरू होने से पहले ही उन्होंने बच्चों को दूध पिलाया और उसके बाद पति व अन्य परिजनों को सौंपकर परीक्षा केंद्र में चली गई। कई परिजन बच्चों को बोतल से दूध पिलाते भी नजर आए। अढाई घंटे की परीक्षा व उससे एक घंटा पहले प्रवेश होने के चलते परिजनों को करीब साढ़े 3 घंटे बाहर बैठ कर इंतजार करना पड़ा। 

रुमाल तक नहीं ले जाने दिया
परिक्षार्थियों को अपने साथ रुमाल तक ले जाने नहीं दिया गया। परिक्षार्थियों के जूते, जुराब उतरवाने के साथ पुरुषों के हाथ के कड़े, पर्स, सिक्के आदि भी बाहर ही रखवाए गए। 
 


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pooja

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