राजस्थान: कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को स्कूल से मिलेंगे 50 फीसदी अंक, इन बच्चों को नहीं मिलेगा लाभ

Friday, Jan 15, 2021 - 01:30 PM (IST)

एजुकेशन डेस्क: राजस्थान में शिक्षा विभाग पांचवी कक्षा तक पढने वाले 45 लाख बच्चों की परीक्षा नहीं लेगा और क्योंकि इन छात्रों को 60 प्रतिशत नंबर स्कूल इंटरनल के रूप में स्कूल से ही मिलेंगे, जबकि बचे हुए 40 प्रतिशत नंबर के लिए ही परीक्षा देनी होगी।

6वीं से 8वीं तक के बच्चों को 50 प्रतिशत अंक
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने आज मीडिया से कहा कि यह व्यवस्था कक्षा एक से पांच के लिए है, जबकि 6वीं से 8वीं तक के बच्चों को 50 प्रतिशत अंक इंटरनल के रूप में स्कूल देगा। दरअसल, कोरोना काल के चलते शिक्षा विभाग ने बच्चों के इंटरनल और एक्सटर्नल मार्क्स तय कर दिए हैं। इस फैसले से सबसे ज्यादा राहत प्रायमरी के छात्रों को मिलेगी। इन छात्रों को सिफर् 40 फीसदी नंबर के लिए ही परीक्षा देनी है।       

शेष पचास फीसदी अंक उसे परीक्षा देकर लाने होंगे
उन्होंने कहा कि यह परीक्षा भी बहुत आसान तरीके से ली जाएगी। बच्चों के लिए तैयार हो रही वकर्बुक से ही उसे परीक्षा देनी होगी। इसी तरह कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को पचास फीसदी अंक स्कूल से इंटरनल के रूप में मिलेंगे। शेष पचास फीसदी अंक उसे परीक्षा देकर लाने होंगे। इन बच्चों को भी वकर् बुक मिलने वाली है। इस वकर् बुक के आधार पर ही बच्चों को परीक्षा देनी होगी।

9वीं व 11वीं के बच्चों को भी इसका लाभ नहीं
शिक्षा निदेशक स्वामी ने बताया कि यह व्यवस्था सिफर् इसी सत्र के लिए है, क्योंकि कोरोना संकट के चलते बच्चों की स्कूल अभी बंद हैं। ऐसे में नए सत्र में फिर से पुरानी व्यवस्था ही लागू हो सकती है। जिसमें सभी स्टूडेंट्स को अस्सी फीसदी अंक पेपर से ही लाने होते हैं। पांचवी कक्षा तक इस व्यवस्था से करीब 45 लाख बच्चे प्रभावित होंगे। वहीं 10वीं और 12वीं कक्षा के 21 लाख बच्चों को इस व्यवस्था का लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि वहां हर साल की तरह इंटरनल मार्क्स बीस फीसदी ही रहेंगे। 9वीं व 11वीं के बच्चों को भी इसका लाभ नहीं मिलेगा।

rajesh kumar

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