कोचिंग सेंटर हादसे में 20 बच्चों की मौत, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे यही गलती

Saturday, May 25, 2019 - 01:15 PM (IST)

नई दिल्ली: गुजरात के औद्योगिक शहर सूरत में तक्षशिला कांप्लेक्स में चल रहे एक कोचिंग सेंटर में शुक्रवार को एक दिल दहलाने वाला हादसा सामने आया है। इस हादसे में एक टीचर और 19 छात्रों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे में दर्जनों छात्रों के मारे जाने की घटना से पंजाब, दिल्ली समेत कई राज्यों में भी चलाए जा रहे कोचिंग सेंटरों पर सवालिया निशान लगा दिया है। हर कोचिंग सेंटर के बाहर लगे बड़े से बोर्ड पर छात्रों को विभिन्न विभागों में अधिकारी बनने के सपने तो दिखाए जा रहे हैं, लेकिन छात्रों के यह सपने बेहद असुरक्षित तरीके पुरे होते दिखाई दे रहे है। इस हादसे से कोचिंग सेंटरों में बहुत सी गलतियां देखने को मिली है।

नहीं किया सुरक्षा का कोई इंतजाम
छात्रों से कोचिंग के नाम पर फीस के रूप में लाखों रुपए वसूलने के बाद भी कोचिंग सेंटरों में छात्रों की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। सभी कोचिंग सेंटर यहां रेजिडेंशियल इलाके में मकानों के भीतर ही चलाए जा रहे हैं। ज्यादातर मकानों के भीतर ही कोचिंग सेंटर चलाए जा रहे हैं, लिहाजा, यहां सुरक्षा के इंतजाम भगवान भरोसे ही हैं।

फायर सिस्टम तक नहीं था माजूद  
आग से छात्रों की सुरक्षा की बात पर उन्होंने आग बुझाने वाले गैस सिलेंडर तो कई जगह दिखाई दिए लेकिन सैकेंड एग्जिट गेट के नाम पर बगलें झांकते दिखाई दिए। आग से बचने के लिए सैकेंड एग्जिट गेट और सैकेंड स्टेयर्स की बात पर कुछ कोचिंग सेंटर चलाने वालों ने माना कि उनके यहां पीछे की ओर गेट है। लेकिन इस झूठ से भी उस वक्त पर्दा उठ गया जब हमारी टीम ने पिछली गली में जाकर उनके द्वारा कही गई सैकेंड गेट की बात की पड़ताल की। पिछली गली में मौजूद गेट बंद पाए गए। कई पर तो बाहर की ओर से ताले लटके हुए मिले।

अवैध रूप से बनी थी इमारत
जब छात्र किसी भी कोचिंग सेंटर में कोचिंग लेने के लिए जा रहे है तो सबसे पहले उस कोचिंग सेंटर की पूरी जानकारी लेना अति आवश्यक है। बता दें कि सूरत के इस कोचिंग सेंटर में तीसरी और चौथी इमारत पर अवैध रूप से काम हो रहा था। इस कोचिंग सेंटर में कोई भी फायर सेफ्टी नहीं थी। इस अवैध रूप से चल रही कोचिंग सेंटर में हवा बाहर निकलने की कोई भी रास्ता न था जिसकी वजह से छात्रों का दम गुटने से भी मौत हो गई।

इमारत से निकलने का नहीं था रास्ता
इस इमारत में बाहर निकलने का कोई भी और रास्ता नहीं था जिससे आग लगने पर बहुत ज्यादा भागदौड़ मच गई। जिसकी वजह से जो बच्चे जहां थे वहां ही फंस गए और बाहर निकलने के लिए उन्होंने कूदना ही ठीक समझा।  

कोचिंग सेंटर में होने चाहिए सुरक्षा के ये इंतजाम

लगभग हर शहर में विद्यार्थियों के लिए कोचिंग सेंटर बने हुए हैं। जब आप अपने बच्चे को कोचिंग सेंटर पढ़ने के लिए भेजें तो इन बातों को अवश्य ध्यान में रखें-

बिजली उपकरण का सही प्रबंध
कोचिंग सेंटर में सुरक्षित बिजली कनेक्शन होने चाहिए। कोचिंग सेंटर में रोशनी और हवा का उचित प्रबंध होना चाहिए। कोचिंग सेंटर चला रहे संस्थापक को चाहिए की वे समय-समय पर बिजली उपकरणों को रिपेयर करवाएं जिससे भयानक हादसे होने से बच सकें।

फायर सिस्टम
कोचिंग सेंटर में फायर सिस्टम का पूरा इंतजाम होना चाहिए। इससे आप आपत्तकालीन स्थिती में आसानी से अपना बचाव कर सकें। आग बुझाने वाले गैस सिलेंडरों का इंतजाम होना चाहिए इससे आग जल्दी पकड़ में आ जाती है।    

सैकेंड एग्जिट गेट
कोचिंग सेंटर में सैकेंड एग्जिट गेट होना जरूरी है, जब भी कोई हादसा हो तो तुरंत सेंटर के दूसरे गेट से बाहर निकल सकते हों।

कोचिंग सेंटर हवादार और खुले   
छात्रों के पढ़ने के लिए कोचिंग सेंटर हवादार और खुले होने चाहिए ताकि बच्चों को पढ़ने में और सांस लेने में कोई भी दिक्क्त न हो। कोचिंग सेंटर में हवा बाहर निकलने का रास्ता बहुत जरूरी है ताकि जब कोई भी हादसा घटित हो छात्रों का दम न घुटे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Riya bawa

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