फ्रांस के साथ शिक्षा क्षेत्र में 15 सहमति करार

Saturday, Mar 10, 2018 - 06:28 PM (IST)

नई दिल्ली : भारत ने फ्रांस के साथ उच्च शिक्षा में अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में 15 सहमति पत्रों पर आज हस्ताक्षर किये। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और फ्रांस के उच्च शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार मंत्री फ्रेड्रिक विडाल की मौजूदगी में यहां आयोजित‘भारत - फ्रांस ज्ञान सम्मेलन’में दोनों देशों के कई शिक्षण संस्थानों के बीच इन सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये गये। 

उच्च शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच यह पहला सम्मेलन था। दोनों देशों के विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के नयी योजनाओं और भागीदारी के इन सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये गये हैं।  इन सहमति पत्रों मे उच्च शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार, शिक्षकों का आदान प्रदान और विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग करना शामिल है। इनसे दोनों देशों के बीच शैक्षिक क्षेत्र में सहयोग सुदृढ़ होगा  

जावड़ेकर ने कहा कि सरकार के स्तर पर पहली बार ऐसे समझौते किये गये हैं जिनसे छात्रों को वैश्विक स्तर पर आवागमन को बढ़ावा मिलेगा। सम्मेलन में लगभग 80 भारतीय और 70 फ्रांसीसी शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद थे। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा का स्तर ऊंचा करने के लिये कई शोध पार्क स्थापित किये हैं और अनुसंधान के लिये पर्याप्त धन उपलब्ध करा रही है। जावड़ेकर ने फ्रांसीसी शिक्षण संस्थानों का सहयोग मांगते हुए कहा कि सरकार की योजना सभी कक्षाओं को डिजीटल करने की है।  सम्मेलन में दोनों देशों के छात्रों के आवागमन को बढ़ावा देने के लिए अंतरिक्ष एवं वैमानिकी, गणित, सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि अर्थव्यवस्था एवं खाद्य प्रसंस्करण, पर्यावरणीय ऊर्जा, प्राकृतिक संसाधन, जैविक उर्वरक, वास्तुकला एवं शहरी नियोजन पर विचार किया गया।  इस मौके पर विडाल ने कहा कि फ्रांस की योजना वर्ष 2022 तक 10 हजार छात्रों को फ्रांसीसी शिक्षण संस्थानों में आमंत्रित करने की है। पिछले साल पांच हजार भारतीय छात्र फ्रांस पहुंचे हैं।  

भारत और फ्रांस के बीच किये सहमति पत्रों के अनुसार दोनों देश एक दूसरे के शिक्षा प्रमाणपत्रों को मान्यता देंगे और छात्र दोनों देशों में उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। यह व्यवस्था माध्यमिक स्तर से लेकर डाक्टरेट स्तर तक की शिक्षा के लिए मान्य होगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- आईआईटी इंदौर ने पेरिक के इंस्टीटयूट माइंस के साथ अनुसंधान के लिये करार किया है। इस तरह से यकृत बीमारी के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए भी एक दोनों देशों के चिकित्सा संस्थानों ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं।   इसके अलावा‘फ्रांसीसी - भारतीय ट्रस्ट’फ्रांस में उच्च शिक्षा के लिये जाने वाले भारतीय छात्रों को वित्तीय मदद उपलब्ध कराएगा। यह वित्तीय मदद छात्रवृत्ति के तौर पर दी जाएगी। 

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