3 साल में 1 करोड़ रोजगार देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का प्लान

punjabkesari.in Friday, Sep 14, 2018 - 10:58 AM (IST)

नई दिल्ली: देशभर में मैगा इम्प्लॉयमैंट जोन बनाने के लिए सरकार 1 लाख करोड़ रुपए की योजना तैयार कर रही है। इसका उद्देश्य अगले 3 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर नौकरियां उपलब्ध कराना है। इसके तहत तटीय राज्यों में 14 नैशनल इम्प्लॉयमैंट जोन बनाना प्रस्तावित है। शिपिंग मिनिस्ट्री इस प्रपोजल को नीति आयोग के साथ विचार-विमर्श कर अंतिम रूप दे रही है। इस योजना को अगले वर्ष लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जा सकता है। इससे सरकार को रोजगार बढ़ाने के अपने वादे को पूरा करने में मदद मिल सकती है।

सरकार से जुड़े शीर्ष सूत्रों ने बताया कि इम्प्लॉयमैंट जोन में टैक्स में छूट, कैपिटल सबसिडी और सिंगल-विंडो क्लीयरैंस जैसे फिस्कल और नॉन-फिस्कल इन्सैंटिव्स दिए जाएंगे। ये इन जोन में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए तैयार फर्मों की ओर से दी जाने वाली नौकरियों से जुड़े होंगे। शिपिंग मिनिस्ट्री ने तटीय राज्यों में 14 नैशनल इम्प्लॉयमैंट जोन बनाने का प्रपोजल दिया है। एक सूत्र ने बताया कि इन जोन में फूड, सीमैंट, फर्नीचर और इलैक्ट्रॉनिक्स के साथ ही लेबर का अधिक इस्तेमाल करने वाले गारमैंट, लैदर और जैम्स एंड ज्यूलरी जैसे सैक्टर्स के 35 इंडस्ट्रियल क्लस्टर होंगे। शिपिंग मिनिस्ट्री ने अप्रूवल के लिए एक नोट एक्सपैंडीचर फाइनांस कमेटी (ई.एफ.सी.) को भेजा है। इसके बाद मिनिस्ट्रीज के बीच विचार-विमर्श के लिए एक कैबिनेट नोट पेश किया जाएगा।

शुरूआती अनुमान के अनुसार इन जोन में जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर 1 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस खर्च में केन्द्र और राज्यों की हिस्सेदारी होगी। राज्य इन जोन को बनाने के लिए कम से कम 2,000 एकड़ जमीन उपलब्ध कराएंगे। भारत इस मैगा प्रोजैक्ट के लिए इंटरनैशनल एजैंसियों से भी फंडिंग ले सकता है। आने वाले समय में इन जोन में 4 लाख करोड़ रुपए तक का निवेश होने का अनुमान है।


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pooja

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