सेवा क्षेत्र सूचकांक में गिरावट, चुनौतियां बरकरार

Friday, May 05, 2017 - 09:55 AM (IST)

नई दिल्ली: निक्केई इंडिया के सर्विस पर्चेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पी.एम.आई.) में गिरावट देखने को मिली है। अप्रैल 2017 में यह 50.2 पर रहा है, जबकि मार्च महीने के दौरान यह 51.5 पर रहा था। आपको बता दें कि 50 से ऊपर की रीडिंग अर्थव्यवस्था के विस्तार को बताती है जबकि इससे नीचे का स्तर अर्थव्यवस्था में सुस्ती या संकुचन को दर्शाता है। हालांकि देश के सेवा क्षेत्र (सर्विस सैक्टर) में अप्रैल माह में लगातार तीसरे महीने तेजी का रुख रहा, पर नए कारोबार और रोजगार कमजोर रहने से इस दौरान वृद्धि की रफ्तार कुछ हल्की पड़ी है।

आई.एच.एस. मार्कीट की अर्थशास्त्री और रिपोर्ट की लेखिका पॉलियाना डे लिमा ने कहा, ‘‘पी.एम.आई. के मुताबिक अप्रैल में वृद्धि की कमजोर रफ्तार को देखते हुए सेवा क्षेत्र में बाजार की चुनौतीपूर्ण स्थिति का पता चलता है। वहीं प्रतिस्पर्धात्मक दबाव के बीच सेवा क्षेत्र में विज्ञापन अभियान से नए कामकाज की वृद्धि को समर्थन मिला है। वैसे तो अप्रैल में लगातार तीसरे माह वृद्धि का रुख रहा लेकिन वृद्धि की दर गत मार्च के मुकाबले कमजोर पड़ी है। ताजा परिणाम संकेत देते हैं कि नोटबंदी के बाद सुधार का रास्ता अभी भी काफी चुनौतियां वाला और उबड़-खाबड़ बना हुआ है। यह बताता है कि सेवा क्षेत्र अभी भी संकटपूर्ण स्थिति से बाहर नहीं निकला है। इसमें वृद्धि रहने के बावजूद कुछ व्यावसायिक क्षेत्रों में ङ्क्षचता बढ़ी है।’’

विनिर्माण क्षेत्र उत्पादन में भी रफ्तार धीमी 
इस बीच विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में भी रफ्तार धीमी पड़ी है। मार्च के बाद से निजी क्षेत्र में गतिविधियों की वृद्धि रफ्तार हल्की पड़ी है। मौसमी आधार पर समायोजित निक्केई इंडिया कंपोजिट पी.एम.आई. आऊटपुट सूचकांक अप्रैल में 51.3 अंक रहा। इससे पिछले महीने मार्च में यह 52.3 अंक पर था। 

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