जल्द आएगी नई स्टील पॉलिसी

punjabkesari.in Thursday, Apr 06, 2017 - 11:54 AM (IST)

नई दिल्ली: स्टील के दामों में हो रही उठा-पटक, कार्टेल बनाकर काम कर रही बड़ी कम्पनियों से सैकेंडरी स्टील और छोटे निर्माताओं को आने वाली दिक्कतों को हल करने के लिए इस बार स्टील पॉलिसी में विशेष प्रावधान किया जा रहा है। नई स्टील पॉलिसी का ड्राफ्ट विभाग की वैबसाइट पर डाल दिया गया है और इसके लिए आपत्तियां व सुझाव मांगे गए हैं। स्टील सैक्रेटरी अरुणा शर्मा के मुताबिक अप्रैल में नई स्टील पॉलिसी कैबिनेट में पेश की जाएगी। नई स्टील पॉलिसी के तहत घरेलू कम्पनियों से खरीद को प्राथमिकता दी जाएगी। नई स्टील पॉलिसी में घरेलू स्टील सैक्टर के फायदे पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही मेक इन स्टील, मेक इन इंडिया पर फोकस किया गया है।

लगेगी एंटी-डंपिंग ड्यूटी
देश में स्टील इंडस्ट्री की बात करें तो 56 पर्सैंट प्रोडक्शन सैकेंडरी इंडस्ट्री करती है। इस सैक्टर में ज्यादा ग्रोथ की उम्मीद है। इसके लिए पहले चीन जैसे देशों से आ रही स्टील को रोकने के लिए मिनिमम इम्पोर्ट प्राइस (एम.आई.पी.) लगाया गया। इसी प्रकार चीन के स्टील पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाकर घरेलू सैकेंडरी स्टील कम्पनियों से जुड़े फिनिश्ड गुड्स को बढ़ावा दिया जाएगा। चीन लगातार भारत में अपना एक्सपोर्ट बढ़ा रहा है। कई प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट में 25.30 पर्सैंट की बढ़ौतरी देखी गई। इन प्रोडक्ट्स पर रिसर्च डिवैल्पमैंट और बढ़ाकर सैकेंडरी स्टील निर्माताओं की समस्याओं का हल किया जाएगा।

स्टील उत्पादन में 12 और एक्सपोर्ट में 57 पर्सैंट वृद्धि
स्टील मिनिस्टर ने राज्यसभा में बताया कि पिछले 6 महीनों के दौरान भारतीय स्टील के उत्पादन में 12 पर्सैंट और एक्सपोर्ट में 57 पर्सैंट वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि 61,200 करोड़ रुपए के निवेश से स्टील कारखानों के आधुनिकीकरण का काम शुरू किया गया है जिसे जल्दी पूरा कर लिया जाएगा। इससे भारतीय स्टील कंपनियों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है। फिलहाल ये कंपनियां 50 पर्सैंट से लेकर 70 पर्सैंट की क्षमता के साथ काम रही हैं।              

सरकार का मकसद स्टील की कंजम्प्शन को भारत में बढ़ाना है। इसी मकसद से देश भर में स्टील के लिए नई क्रांति लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए स्टील पॉलिसी बनाई जा रही है जो जल्द जारी कर दी जाएगी।’’ - चौधरी बीरेंद्र सिंह, स्टील मिनिस्टर  


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