एक और ‘माल्या’, 20,000 करोड़ का ऋण गायब

Tuesday, May 10, 2016 - 01:17 PM (IST)

मुंबई: लिकर किंग विजय माल्या के 9000 करोड़ रुपए के ऋण के बाद देश में एक और ‘माल्या’ सामने आया है। आलोक इंडस्ट्रीज के कार्यकारी निदेशक सुरेंद्र जिवराजका और उसकी सबसिडियरीज द्वरा लिए गए 20,000 करोड़ रुपए के ऋण का बैंक पता लगाने जा रहे हैं कि यह पैसा कहां गया और इसका उपयोग कैसे किया गया?

मिली जानकारी के अनुसार दिसम्बर 2015 में आलोक इंडस्ट्रीज के ऑडिटर पद से जानी-मानी ऑडिट फर्म डेलॉयट ने इस्तीफा दे दिया था। ऐसा बहुत कम होता है, जब कोई कम्पनी वित्त वर्ष के बीच में अपना ऑडिटर बदले। बहरहाल, इसकी जानकारी नियम के मुताबिक स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई थी। हालांकि, इस पर बहुत कम लोगों की नजर पड़ी क्योंकि कर्ज के बोझ तले दबी टैक्सटाइल कम्पनी को तब तक अधिकतर विश्लेषकों ने ट्रैक करना बंद कर दिया था। आलोक और उसकी सबसिडियरीज पर बैंकों के 20,000 करोड़ रुपए बकाया हैं।

बैंक 4 माह बाद पता लगाने जा रहे हैं पैसा कहां गया: इसके 4 माह बाद बैंक इसका पता लगाने जा रहे हैं कि ऋण का पैसा कहां गया? गत सप्ताह स्टेट बैंक आफ इंडिया (एस.बी.आई.) के नेतृत्व में उधारदाताओं ने चोकसी एंड चोकसी और ग्रांट थॉर्नटन जैसी एकाऊंटिंग और कंसल्टैंसी फर्मों से आलोक के फोरैंसिक ऑडिट के लिए संपर्क किया था। बैंकों का संयुक्त मंच इस सप्ताह इस मामले में फैसले के लिए बैठक करने जा रहा है। फोरैंसिक ऑडिट से न सिर्फ  फंड व्यपवर्तन का पता चलेगा बल्कि इससे गत ऑडिट में हुई किसी तरह की गलती भी पकड़ में आ जाएगी। बैंकों को आलोक इंडस्ट्रीज की बैलेंस शीट को लेकर शक है।

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