शुभ कार्य करने से पहले गणेश जी को इस पते पर भेजे निमंत्रण पत्र

Sunday, Jul 31, 2016 - 02:35 PM (IST)

राजस्थान के रणथंभौर में त्रिनेत्र गणेश जी का एक ऐसा मंदिर स्थित है जहां उन्हें प्रत्येक शुभ कार्य के लिए पहले निमंत्रण देते हैं। जिसके कारण गणेश जी के चरणों में चिठ्ठियों और निमंत्रण पत्रों का ढेर लगा रहता है।

 

राजा हमीर ने की थी मंदिर की स्थापना

राजस्थान के सवाई माधौपुर से लगभग 10 कि.मी. दूर रणथंभौर के किले में त्रिनेत्र गणेश जी का मंदिर बना है। यहां के लोग कोई भी शुभ कार्य करने पर सबसे पहला निमंत्रण पत्र रणथंभौर वाले गणेश जी को भेजते हैं। इस मंदिर का निर्माण 10 वीं सदी में रणथंभौर के राजा हमीर ने करवाया था। कहा जाता है कि युद्ध के दौरान राजा हमीर के स्वप्न में गणेश जी ने दर्शन देकर उन्हें आशीर्वाद दिया था, जिसके पश्चात राजा को विजय प्राप्त हुई थी। विजय प्राप्ति के बाद उन्होंने किले में मंदिर की निर्माण करवाया था। 

 

यहां विराजते हैं त्रिनेत्री गणेश जी

इस मंदिर में भगवान गणेश जी की प्रतिमा अन्य मंदिरों से भिन्न है। यहां विराजित प्रतिमा में भगवान गणेश जी की तीन आंखें हैं। इस मंदिर में गणेश जी अपनी पत्नी रिद्धि, सिद्धि और अपने पुत्र शुभ-लाभ के साथ विराजमान हैं। साथ में गणेश जी का वाहन मूषक भी है। यहां गणेश चतुर्थी पर धूमधाम से उत्सव मनाते हैं अौर विशेष पूजा-अर्चना भी होती है।

 

डाकिया लाता है डाक 

इस मंदिर में अन्य देशों से भी चिट्ठियां आती हैं। देश के लोग अपने घरों में होने वाले मांगलिक कार्यों का पहला निमंत्रण यहां गणेश जी को भेजते हैं। कार्ड पर पता भी लिखा होता  है- ''श्री गणेश जी, रणथंभौर का किला, जिला- सवाई माधौपुर (राजस्थान)''। डाकिया इन चिट्ठियों को श्रद्धा और सम्मान से यहां पहुंचाता है अौर वहां का पुजारी इन पत्रों को गणेश जी को पढ़ कर सुनाते हैं अौर भगवान के चरणों मे रख देते हैं। माना जाता है कि भगवान गणेश जी को निमंत्रण भेजने से संपूर्ण कार्य पूर्ण हो जाते हैं।

 
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