गुप्त नवरात्रि: करें देवी के मुख्य धामों के दर्शन, पुण्य के भागी बनें

Saturday, Feb 13, 2016 - 01:01 PM (IST)

मनसा देवी 

श्री मनसा देवी का प्रसिद्ध मंदिर मनीमाजरा में है। मनसा देवी का यह स्थान प्रमुख शक्ति पीठ माना जाता है। यहां सती का मस्तक गिरा था। नवरात्रों में न सिर्फ यहां बल्कि अन्य स्थानों पर भी बहुत भारी मेले लगते हैं जो माता के प्रति श्रद्धा के प्रतीक हैं। 

मां वैष्णो देवी

मुंह मांगी मुरादें देने वाली वैष्णो देवी जम्मू-कश्मीर राज्य में त्रिकुटा पर्वत की सुंदर गुफा के भीतर 3 भव्य पिंडियों के रूप में विराजमान हैं महाकाली, महालक्ष्मी व महासरस्वती। ऐसी मान्यता है कि यहां सती की एक भुजा गिरी थी।

मां चिंतपूर्णी 

यह छिन्नमस्तिका देवी का स्थान है। इन्हें चिंतपूर्णी अर्थात् चिंता को दूर करने वाली देवी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस स्थान पर सती के चरणों  के कुछ अंश गिरे थे। इनके दर्शन पिंडी के रूप में होते हैं।

मां ज्वालाजी 

यह धूमा देवी का स्थान है। इनकी मान्यता 51 शक्ति पीठों में सर्वोपरि है। कहा जाता है कि यहां भगवती सती की महाजिह्वा गिरी थी तथा यहां शिव उन्मत भैरव रूप में स्थित हैं। इस तीर्थ पर देवी के दर्शन ज्योति के रूप में किए जाते हैं।

मां चामुंडा देवी जी 

श्री चामुंडा देवी का पौराणिक कथानक एवं इतिहास दुर्गा सप्तशती के सप्तम अध्याय में स्पष्ट वर्णित है। मंदिर की प्राचीन परम्परा एवं भौगोलिक स्थिति से स्पष्ट होता है कि यही वह स्थान है जहां चामुंडा राक्षस देवी से युद्ध करने आए और काली रूप धारण कर देवी ने उनका वध किया। अम्बिका की भृकुटि से प्रादुभूति कालिका ने जब चंड और मुंड के सिर उसे उपहार स्वरूप भेंट किए तो अम्बा ने प्रसन्न होकर वर दिया कि तुमने चंड और मुंड का वध किया है अत: संसार में तुम चामुंडा देवी के नाम से विख्यात हो जाओगी।

मां ब्रजेश्वरी देवी (नगरकोट कांगड़ा वाली)

यह स्थान जनसाधारण में नगरकोट कांगड़ा वाली देवी के नाम से विख्यात है। यहां दर्शन किए बिना यात्रा सफल नहीं मानी जाती। कांगड़ा में सती के वक्ष गिरे थे।

नैना देवी 

इस स्थान पर सती के दोनों नेत्र गिरे थे। नैना देवी की गणना प्रमुख शक्ति पीठों में होती है। हिमाचल प्रदेश स्थित यह स्थान पंजाब की सीमा के समीप है। मंदिर में भगवती नैना देवी के दर्शन पिंडी के रूप में होते हैं।

 

 

Advertising