मन्नत पूरी होने पर पांडवों द्वारा चलाई परंपरा आज भी निभाई जाती है यहां

Saturday, Apr 09, 2016 - 11:34 AM (IST)

धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के शक्तिपीठ श्रीदेवीकूप भद्रकाली मंदिर में नवरात्र महोत्सव का आगाज श्रद्धा पूजन के साथ हुआ। बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के काली स्वरूप के दर्शन करने पहुंचे। मनोकामनाएं पूर्ण होने पर परंपरा के अनुसार श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में मिट्टी के घोड़े अर्पित किए।
 
बावन शक्तिपीठों में से एक श्रीदेवीकूप भद्रकाली मंदिर में नवरात्र महोत्सव पर श्रद्धालुओं ने आस्था के साथ पूजन किया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी स्थान पर माता सती का दायां गुल्फ गिरा था। यहां माता के गुल्फ की पूजा होती है। काली के शांत स्वरूप के दर्शन करने देश-विदेश से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। 
 

मान्यताओं के अनुसार महाभारत युद्ध से पूर्व इसी मंदिर में पांडवों ने विजय की कामना से पूजन किया था। जीत हासिल करने पर पांडवों ने अपने घोड़े माता की सेवा में अर्पित किए थे। तभी से यह परंपरा चली आ रही है। अब मनौती पूरी होने पर श्रद्धालु यहां मिट्टी के घोड़े अर्पित करते हैं। नवरात्र के शुभारंभ पर काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। 

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