PIX: इस कुंड पर स्नान करने से होती है पुत्र रत्न की प्राप्ति

Tuesday, Aug 09, 2016 - 10:25 AM (IST)

श्री राधा कुंड और श्याम कुंड आध्यात्मिक कुंड हैं। ये दोनों कुंड गोवर्धन की तलहटी में स्थित हैं। माना जाता है कि इस स्थान पर श्रीराधाकृष्ण ने बहुत सारा समय एक साथ व्यतीत किया था। ये दोनों कुंड गोवर्धन के दोनों ओर दो नेत्रों की तरह स्थित हैं। कार्तिक माह की अष्टमी को यहां मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से भक्तजन इस कुंड में स्नान करने आते हैं। 

 

माना जाता है कि जिन दंपतियों को पुत्र प्राप्ति नहीं हो रही होती वे कार्तिक मास की अष्टमी के दिन निर्जला व्रत रखकर सप्तमी की रात को पुष्य नक्षत्र में रात्रि 12 बजे राधा कुंड में स्नान करते हैं। सुहागिन महिलाएं अपने बाल खोलकर रखती हैं और राधा जी की भक्ति करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करती हैं अौर उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है।

 

इन कुंडों से संबंधित कथा के अनुसार श्रीकृष्ण गोवर्धन में गऊअों को चरा रहे थे उस दौरान अरिष्टासुर ने गाय के बछड़े का रूप धारण करके श्रीकृष्ण पर हमला कर दिया फिर श्री कृष्ण ने उसका वध कर दिया। उस समय राधा जी ने उन्हें बताया कि जब उन्होंने उस राक्षस का वध किया वह गौ रुप में था इसलिए उन पर गौ हत्या का पाप लग गया है। तब इस पाप से मुक्ति के लिए श्रीकृष्ण ने अपनी बांसुुरी से एक कुंड खोदा और उसमें स्नान किया। जिसे श्याम कुंड कहा जाता है। राधा जी ने भी श्याम कुंड के समीप ही अपने कंगन से एक कुंड खोदकर उसमें स्नान किया। जिसे राधा कुंड या कंगन कुंड भी कहा जाता है। स्नान करने के बाद राधा जी और श्रीकृष्ण ने रास रचाया था। राधा जी ने श्री कृष्ण से कहा था कि अभी वे गौ वध के पाप से मुक्त हुए हैं। वे उन्हें वरदान दें कि जो भी इस तिथि पर राधा कुंड में स्नान करेगा उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी। इस पर श्री कृष्ण ने राधा जी को यह वरदान दे दिया था। 

 

गोवर्धन और राधा कुंड जाने के लिए मथुरा जंक्शन और मथुरा छावनी स्टेशनों से बस और टैक्सी उपलब्ध हो जाती है। यहां पर हवाई मार्ग द्वारा भी जाया जा सकता है। हवाई मार्ग से जाने के लिए पहले आगरा एयरपोर्ट उतरना होगा फिर वहां से मथुरा के लिए ट्रेन या बस लेनी पड़ती है।

 

श्री चैतन्य गौड़िया मठ की ओर से 

श्री पवन दास जी

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