अवंतिका तीर्थ पर विराजमान हैं महादेव, दर्शन मात्र से मिलती है पिशाच योनि से मुक्ति

Thursday, Sep 29, 2016 - 09:26 AM (IST)

कुंडली में पितृदोष होने पर व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उसका कोई भी कार्य ठीक तरह से नहीं होता। इस दोष से छुटकारा पाने के लिए उज्जैन स्थित पिशाचमुक्तेश्वर महादेव के दर्शन और पूजन करने से लाभ की प्राप्ति होती है। उज्जैन स्थित 84 महादेव के 68वें नंबर पर आने वाले श्री पिशाचमुक्तेश्वर महादेव का पूजन व अभिषेक करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। यहां पूजा करने से माता-पिता के पूर्वज जो पिशाच योनि में होते हैं, उनको भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। महादेव के स्पर्श से पवित्र हो जाते हैं। भोलेनाथ के दर्शन से व्यक्ति को ऐश्वर्य, कीर्ति, पराक्रम और अपार धन की प्राप्ति होती है। श्राद्ध पक्ष के दिनों में इनका पूजन कर पितृ मोक्ष की कामना करनी चाहिए। 


पौराणिक कथा के अनुसार कलयुग में सोमा नाम का शुद्र धनवान अौर नास्तिक था। वह सदैव वेदों की निंदा करता था अौर वह बहुत ही हिंसक था। सोमा की बहुत ही बुरी तरह मृत्य हुई। वह पिशाच योनि में गया। नग्न देह अौर भयानक आकृति वाला प्रेत मार्ग में खड़ा होकर लोगों को मारने लगा। एक दिन वेद विद्या अौर सत्य बोलने वाले ब्राह्मण कहीं जा रहे थे। वह प्रेत उनको खाने के लिए दौड़ा। ब्राह्मण को देखकर प्रेत रुक गया अौर सन्न हो गया।  उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है। उसे इस प्रकार देख ब्राह्मण ने कहा तुम मुझसे क्यों डर रहे हो तो प्रेत ने कहा कि आप ब्रह्म राक्षस हो जिसके कारण मुझे आपसे भय लग रहा है। इतना सुनते ही ब्राह्मण हंसने लगा अौर उसे इस योनि से मुक्ति का रास्ता बताया।                   


ब्राह्मण ने कहा कि अवंतिका तीर्थ में पिशाचों का नाश करने वाले महादेव रहते हैं। प्रेत ब्राह्मण की बात सुनकर शीघ्र महाकाल वन की अोर चल पड़ा। उसने क्षिप्रा के जल में स्नान किया। उसके बाद पिशामुक्तेश्वर के दर्शन किए । उनके दर्शनों से ही वह पिशाच दिव्य लोक को चला गया। माना जाता है कि जो व्यक्ति पिशाच मुक्तेश्वर महादेव के दर्शन अौर पूजन करता है उसे धन अौर पुत्र वियोग नहीं सहना पड़ता। वह संसारिक सुखों को भोगता है अौर अंत में उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। 
 

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