PIX: गुड़गांव का शीतला माता मंदिर, गुरु द्रोणाचार्य से संबंधित है इसकी कहानी

Wednesday, Apr 13, 2016 - 01:37 PM (IST)

प्राचीन गुरु ग्राम और आज के गुड़गांव  की पहचान शीतला माता मंदिर से होती है। मंदिर में पुराने समय से पूरे चैत्र के महीने में लोग माता शीतला के दर्शन के लिए आते हैं। नवरात्रों में काफी संख्या में श्रद्धालु यहां आते रहते हैं। आज माता की कालरात्रि रूप की पूजा की जा रही है। जिसके चलते मंदिर में भक्तों का हूजूम उमड़ पड़ा है।

 
 
गुड़गांव का शीतला माता मंदिर पूरे उत्तर भारत में श्रद्धालुओं की भक्ति का केंद्र बना रहता है।  चैत्र महीने में यहां मेला लगा रहता है। वहीं चैत्र के नवरात्र में तो श्रद्धालुओं की संख्या चौगुनी हो जाती है। कहते हैं कि गुरु द्रोणाचार्य की पत्नी माता कृपी की मूर्ति को मुगल काल में तालाब में फेंक दिया गया था। मां का नाम शीतला इसी वजह से हुआ होगा ऐसा माना जाता है। उस मूर्ति को बाद में निकाल कर मां शीतला माता मंदिर का निर्माण किया गय़ा। 
 
 
लोग यहां दूर दूर से मन्नतें मांगने आते है। वहीं नए जन्मे बच्चे और नवविवाहित जोड़े यहां मां का आशीर्वाद लेने आते है। लोग यहां पीढ़ियों से चली आ रही अपनी परंपरा को निभाते हुए भी पूजा करते दिखते हैं। 
 
 
गुजरात से आए एक भक्त ने बताया कि उनके घर जब भी किसी बच्चे का जन्म होता है तो नवरात्र पर गुड़गांव के शीतला माता मंदिर में जरूर आते है और ये मान्यता पीढ़ियों से चली आ रही है। वही मंदिर में मां के दर्शन के लिए लोग रात-रात भर लाइन में लगे रहते हैं और इंतजार करते हैं कि बस एक बार मां के दर्शन हो जाएं।गुरुग्राम में शीतला माता मंदिर में नवरात्रो की धूम मच रही है। दूर दूर से श्रद्धालु  अपनी मनोकामनाएं लेकर माता शीतला के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं । 
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