गोल्फा देवी मंदिर: यह देवी ‘हां’-‘न’ में उत्तर देती हैं

Wednesday, Sep 21, 2016 - 02:30 PM (IST)

दक्षिण मुम्बई की ओर बांद्रा-वर्ली सी लिंक से आते हुए वर्ली पर बाईं तरफ मुड़ते ही सामने मुम्बई कोस्ट गार्ड का प्रांतीय दफ्तर पड़ता है। यहां से बाईं ओर वर्ली किले की ओर पैदल जाते हुए एक स्थानीय मछुआरों का गांव है जो आपको यह आभास देता है जैसे कि आप मुम्बई महानगर में नहीं, किसी ग्रामीण इलाके में आ गए हों।  


अनूठा मंदिर 
वर्ली किले की ओर बढ़ते हुए कुछ ही दूरी पर एक तरफ गोल्फा देवी मंदिर दिखाई देता है। 700 वर्ष प्राचीन इस मंदिर का जीर्णोद्धार 15 वर्ष पहले ही हुआ है। मंदिर में आमतौर पर इलाके के मछुआरे अधिक मछलियां पकडऩे की प्रार्थना करते हैं। हालांकि कई लोग अपनी-अपनी मन्नतें मांगने के लिए भी यहां पहुंचते हैं। उन्हें देवी से ऐसा सवाल पूछने को कहा जाता है जिसका उत्तर केवल ‘हां’ या ‘न’ में मिल सके। मंदिर के पुजारी देवी के कानों पर दो चुम्बक लगा देते हैं। यदि सवाल पूछने के बाद दाहिनी तरफ वाला चुम्बक पहले गिरता है तो देवी का उत्तर ‘हां’ समझा जाता है वहीं दाईं ओर वाला चुम्बक पहले गिरने पर देवी का उत्तर ‘न’ माना जाता है। 


अन्य देवियां
मंदिर में गोल्फा देवी के साथ सकबा देवी तथा हरबा देवी की प्रतिमाएं भी हैं। इन देवियों की पूजा-अर्चना कोलीवाड़ा लोगों द्वारा की जाती है। दशहरा जैसे प्रमुख उत्सवों के दौरान मंदिरों को अच्छे से सजाया भी जाता है। एक स्थानीय निवासी के अनुसार वे लोग इन्हें अपनी मातृ देवी मानते हैं। 


दीवार की कहानी
कई गांव वाले मंदिर में अच्छे भविष्य की प्रार्थना करने या यह पता करने भी आते हैं कि उनकी शादी होगी या नहीं। हालांकि, कई दिलचस्प वाक्य भी इस मंदिर के साथ जुड़े हैं। इनमें से एक के अनुसार एक बार गांव वालों ने देवी की सलाह नहीं मानी थी। 
तब वर्ली गांव की पंचायत ने फैसला किया था कि वह ज्वारभाटे की लहरों को रोकने के लिए समुद्र की तरफ एक दीवार बनवाएंगे। गांव वाले इस बारे में देवी की सलाह लेने के लिए मंदिर गए। उन्होंने पूछा कि दीवार बनानी चाहिए या नहीं तो देवी ने ‘न’ में उत्तर दिया परन्तु गांव वालों ने देवी की सलाह नहीं मानी। 


उन्होंने एक स्ट्रक्चरल इंजीनियर को बुला कर उससे यहां दीवार खड़ी करने की योजना तैयार करने को कहा। इंजीनियर ने जांच-पड़ताल करने के बाद गांव वालों को बताया कि समुद्र की तरफ दीवार बनाने से गांव को सुरक्षा के स्थान पर पहले से भी ज्यादा हानि पहुंच सकती है। तब जाकर गांव वालों को अहसास हुआ कि उन्होंने देवी की बात न मान कर बहुत बड़ी गलती की थी। ‘न’ में उत्तर देकर देवी ने उन्हें पहले ही इसके बारे में चेतावनी दे दी थी।

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