कहीं आप भ्रम में आकर गलत चारधाम यात्रा तो नहीं कर रहे

punjabkesari.in Friday, Apr 29, 2016 - 11:39 AM (IST)

भारत की चारों दिशाओं में जो प्रभाावशाली मंदिर आते हैं उनकी यात्रा को चारधाम यात्रा कहा जाता है। ये मंदिर हैं जगन्नाथपुरी, रामेश्वरम, द्वारका और बद्रीनाथ। हिंदू धर्म में इनका बहुत महत्व माना जाता है। कहते हैं पृथ्वी और स्वर्ग का एकाकार यहीं पर होता है। प्रत्येक हिंदू का सपना होता है की वो अपने जीवनकाल में चारधाम की यात्रा जरूर करे क्योंकि शास्त्र कहते हैं जो हिंदू इस यात्रा को करता है उसके पापों का नाश होता है और उसके लिए स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं।
 
 

वर्तमान में हो रहे प्रचार के अनुसार उत्तराखंड में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ यात्रा को चार धाम यात्रा का नाम दिया जा रहा है लेकिन इन चारों की यात्रा करना एक धाम की यात्रा करने के समान है। उत्तर भारत में इसे छोटे चार धाम की यात्रा के नाम से जाना जाता है। बद्रीनाथ में बहुत से श्रद्धालु दर्शनों के लिए जाते हैं और साथ ही केदारनाथ (शिव ज्योतिर्लिंग), यमुनोत्री (यमुना का उद्गम स्थल) एवं गंगोत्री (गंगा का उद्गम स्थल) की यात्रा करके मान लेते हैं की उनकी चार धाम यात्रा पूर्ण हुई।  


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