अपने भक्तों पर संकट देख मां चामुंडा बन गई चील

Wednesday, Sep 02, 2015 - 03:43 PM (IST)

जोधपुर में मां चामुंडा देवी का सुंदर मंदिर अवस्थित है। 1459 में राव जोधा जी ने इस मंदिर को स्थापित किया था। पहले तो यहां केवल आस-पड़ोस के गांव से ही श्रद्धालु मां के दर्शनों के लिए आते थे लेकिन 1965 के युद्ध उपरांत भक्तों की आस्था और भक्ति मां में बढ़ गई। हुआ यूं की 1965 में जब युद्ध हुआ तो दुश्मन ने जोधपुर पर अपना निशाना साधा। उस समय जोधपुर वासियों के जान और माल पर संकट के बादल मंडराने लगे। तब मां चामुंडा ने चील का रूप धरकर जोधपुर वासियों की रक्षा करी। 

मंदिर के पंडित जी का कहना है मां चामुंडा की शक्ति देखने के बाद से लेकर आज की तारिख में विश्व भर से श्रद्धालु यहां आकर नतमस्तक होते हैं। बहुत सी विश्व प्रसिद्ध हस्तियां यहीं आकर अपने मांगलिक कार्य पूर्ण करती हैं। यहां के स्थानिय लोग आज से लगभग 550 वर्ष पूर्व मां चामुंडा देवी को मंडोर के परिहारों की कुल देवी के रूप में पूजते थे। जब जोधपुर की बुनियाद रखी गई तो मेहरानगढ़ की पहाड़ी पर मंदिर को स्थापित किया गया। जोधपुर के राजघराने की इष्ट देवी के रूप में मां का पूजन किया जाता है।
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