चमत्कारी साईं बाबा अवतार थे या कुछ और...

Friday, Jul 31, 2015 - 03:57 PM (IST)

मान्यता के अनुसार साईं बाबा का जन्म 28 सितंबर 1836 को हुआ था लेकिन वो कौन थे, कहां पैदा हुए माता-पिता एवं परिवार के विषय में कुछ भी जानकारी उपलब्ध नहीं है। हिन्दू एवं मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग इन्हें अपना इष्ट मानते थे। वह अपने भक्तों से समभाव से प्रेम करते थे। वह किस जाति के थे। इस संदर्भ में उन्होंने कभी कुछ नहीं कहा। वह सदा मानवता, प्रेम और दयालुता को अपना धर्म मानते थे।

उन्होंने अपने जीवनकाल में अधिकतर समय प्राचीन मस्जिद में व्यतित किया जिसे वो द्वारका माई कहकर संबोधित करते थे। वे सदा शिरडी में धूनी रमा कर रखते थे। भक्त अपनी समस्याएं लेकर उनके पास आते और वो बिना किसी भेद भाव के उनकी समस्याओं को हल करते। उनके इसी व्यवहार ने उन्हें शिरडी के साई बाबा और भगवान का दर्जा दिला दिया।

साई बाबा को पहली बार सोलह वर्ष की आयु में सन् 1854 ई. में नीम पेड़ के नीचे समाधि में लीन देखा गया। फिर एक दिन वह अचानक वहां से चले गए और कुछ वर्षों उपरांत चांद पाटिल नाम के एक व्यक्ति की बारात के साथ पुन: शिरडी में लौट आए।

खंडोबा मंदिर के पुजारी म्हालसापति ने जब पुन: साईं को देखा तो बोले ‘आओ साईं’ इस अभिनंदन भरे शब्दों के उपरांत से उन्हें शिरडी के साईं बाबा कहा जाने लगा। जब नए-नए साई बाबा शिरडी में आए थे तो लोग सोचते थे की वो पागल हैं लेकिन जब उनकी शक्ति और गुणों की चर्चा सभी ओर होने लगी तो उनके भक्तों की तादात में बढ़ौतरी होती गई।

साईं ने अपने संपूर्ण जीवनकाल में बहुत से ऐसे चमत्कार किए जिससे प्रत्येक धर्म के अनुयायी उन्हें ईश्वर का रूप मानने लगे। इन्हीं चमत्कारों के बल पर साईं बाबा को  ईश्वर का अवतार माना जाता है।

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