Yuva Diwas 2021: स्वामी विवेकानंद से जुड़े दिलचस्प किस्से और उससे जुड़ी सीख

Tuesday, Jan 12, 2021 - 01:06 AM (IST)

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Swami Vivekananda Jayanti 2021: 12 जनवरी का दिन भारतवासियों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन दुनिया को अपनी असाधारण प्रतिभा का लोहा मनवा कर देश का नाम रोशन करने वाले स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था। उनका जन्मदिन देश में ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। उनका दर्शन, विचार एवं आदर्श आज भी देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

Yuva Divas: मूल्यपरक भारतीय संस्कृति
स्वामी विवेकानंद जी का मानना था कि विदेशों की भौतिक समृद्धि की भारत को जरूरत है लेकिन हमें याचक नहीं बनना चाहिए। हमारे पास बहुत कुछ है जो हम पश्चिम को दे सकते हैं और पश्चिम को उसकी ज्यादा जरूरत है। वह अपनी उच्च सांस्कृतिक परम्पराओं और रीति-रिवाजों का सम्मान करते थे।

National Youth Day India: उनका कहना था, ‘‘पूर्व कभी भी पश्चिम नहीं हो सकता और पश्चिम कभी भी पूर्व नहीं हो सकता।’’ विवेकानंद का शैक्षिक दर्शन  

Swami Vivekananda Interesting Facts: उनका कहना था, ‘‘हम ऐसी शिक्षा चाहते हैं जिससे चरित्र निर्माण हो। मानसिक शक्ति का विकास हो। ज्ञान का विस्तार हो और जिससे हम अपने पैरों पर खड़े होने में सक्षम बन जाएं। मानव निर्माण को शिक्षा का मूल उद्देश्य मानने वाले स्वामी विवेकानंद का शैक्षिक दर्शन परम्परागत और आधुनिक शिक्षा प्रणाली का अद्भुत समन्वय है जो आज भी प्रासंगिक है। शिक्षा संबंधी उनके विचारों में प्राचीन भारतीय मूल्यों, आदर्शों व आधुनिक पश्चिमी मान्यताओं का मेल है।

Swami Vivekananda: स्वामी विवेकानंद ने शारीरिक, मानसिक, नैतिक, आध्यात्मिक और व्यावसायिक विकास के साथ भेदभाव रहित शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच का समर्थन किया। उन्होंने व्यावहारिक और आधुनिक दृष्टिकोण अपनाते हुए प्रौद्योगिकी, वाणिज्य, उद्योग और विज्ञान से जुड़ी पश्चिमी शिक्षा को भी महत्व दिया।
 

Yuva Divas 2021: इस महान ऋषि ने कहा था,‘‘मनुष्य जो सीखता है उसे अंदर नहीं रखना चाहिए। हम ऐसी शिक्षा चाहते हैं, जो न केवल बुद्धिमत्ता को धार देने में मददगार हो बल्कि हमारे चरित्र के साथ-साथ मन के विकास में भी सहायक हो।’’

2021 National Youth Day: मानवतावाद का संदेश
स्वामी जी के चिंतन में दलितों, महिलाओं और गरीबों के उत्थान तथा ‘कर्म की प्रधानता’ का विचार विशेष रूप से उपस्थित रहा। उन्होंने दरिद्र में ही नारायण देखा (दरिद्र नारायण) और उसके कल्याण में ही ईश्वर की सेवा माना है। उस ‘दरिद्र नारायण’ की अवधारणा द्वारा उन्होंने मानवतावाद को धार्मिकता से जोड़ दिया। महिलाओं पर अत्याचार और समाज में फैली असमानता के विरुद्ध स्वामी जी ने कड़ा संदेश दिया।  

Vivekananda Jayanti: सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध
स्वामी जी का मानना था कि किसी भी देश का विकास उसकी युवा पीढ़ी पर निर्भर करता है। अत: राष्ट्र को चिंतक व अच्छे विचार वाले युवाओं की आवश्यकता है। लेकिन, वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सबसे बड़ी समस्या नशाखोरी और मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़ी है। आज लगभग हर राज्य इस सामाजिक बुराई से चिंतित है। यह नशा विदेशों से आ रहा है। बेशक, सरकारें कानून बनाकर अपना कार्य कर रही हैं लेकिन जरूरत है कि समाज अपने स्तर पर भी कड़े कदम उठाए। तभी हम विवेकानंद जी के सुदृढ़ भारत की परिकल्पना कर सकते हैं।
 

Niyati Bhandari

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