राशि और आंखों से करें व्यक्ति की पहचान, कभी नहीं खाएंगे धोखा

Thursday, Jun 04, 2020 - 08:16 AM (IST)

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Your Zodiac Defines The Shape & Feature Of Your Eyes: आंखों की सुंदरता या कुरूपता ग्रहों की देन है। आंखें कुरूप नहीं होतीं अपितु उसमें से प्रदर्शित होने वाले भाव या दृष्टि ही उन्हें सुंदरता या कुरूपता का दर्जा दिलाते हैं। अब हम विभिन्न राशि के व्यक्तियों की आंखों की चर्चा करेंगे :


मेष : मेष राशि के स्वामी मंगल हैं और इस राशि के व्यक्ति की आंखों में सेनापति की पकड़ मजबूती से बनी होती है अर्थात ये सामने वाले के भाव और चेहरा बखूबी पढ़ लेते हैं। केवल इनकी दृष्टि ही शत्रु को लगभग परास्त करने में सफल होती है। पैनी दृष्टि, रौबदार आंखें पर्याप्त हैं किसी को यह अहसास कराने के लिए कि तुम्हारी अमुक बात से न तो हम सहमत हैं और न ही हमें पसंद आई है।

वृषभ : एक ठोस व्यक्तित्व के साथ धीर-गंभीर स्वभाव और वही आंखों से टपकता हुआ दिखाई देता है। जो स्नेह दे उसके लिए अपना जीवन निकाल कर दे दो। इसके लिए जुबान की आवश्यकता नहीं होती बल्कि आंखों से वृषभ राशि वाले अहसास करा देते हैं। इसके विपरीत यदि करुणा अथवा स्नेह का भाव खत्म हो तो यही आंखें कठोरता की प्रतिमूर्ति बन जाती हैं। अनुमान लगाना कठिन हो जाता है कि किस पल ये आंखें क्या कह जाएंगी, क्या इनसे सौंदर्य छलकेगा? या वह कठोरता छलकेगी जो एक अडिय़ल रवैया अपना कर किसी भी तरह अपनी बात मनवा लेगी और सामने वाले को अपनी कठोरता का परिचय अनकहे ही दे जाएगी।


मिथुन : बुध की कोमलता इन आंखों में दिखाई देती है तो दूसरी ओर मार्कीटिंग का श्रेष्ठ कौशल। यहां मार्कीटिंग से तात्पर्य वस्तुओं की मार्कीटिंग से नहीं है अपितु अपने भावों और वाणी दोनों से सामने वाले को आकर्षित करके अपना हित साधन कर लेने से है। इन आंखों की तुलना उस छोटे बच्चे से की जा सकती है जो अपनी बात मनवाने के लिए पहले तो रिझाता है और फिर न रीझने पर जिद में आकर तोड़-फोड़ की प्रक्रिया अपनाकर काम निकाल लेता है।

कर्क: पनीली आंखें, अपनी ओर आकर्षित करती हुई और जरूरत पडऩे पर कठोरता की पराकाष्ठा। इन आंखों में विशेष रूप से लोगों को अपने अनुसार ढालने का गुण सदैव ही विद्यमान रहता है। जहां इनकी बात मानी जाती रहे, वहां ये अपना समस्त स्नेह लुटा देंगी परंतु जरा अवहेलना हुई नहीं कि निर्मम प्रहार हुआ।

इनकी तुलना उस मां से की जा सकती है जिसके लिए संतान सर्वस्व है परंतु जैसे ही बच्चों के कदम डगमगाए, वहां इतनी कठोरता का परिचय मिल जाएगा कि फिर व्यक्ति सिर ही न उठा सके। कठोरता आंखों से स्पष्ट झलकती है और व्यक्ति को यह एहसास कराने के लिए काफी होती है कि यदि स्नेह दिल से किया जाए तो नफरत भी उतने ही दिल से की जाएगी। ये भाव आंखों से ही झलक जाते हैं।


सिंह : हम एक हैं और एक ही रहेंगे हमारे अलावा और कोई मैदान में न रहे, ये भाव सिंह राशि वालों की आंखों में बरबस ही दिखाई दे जाते हैं। राजा होने का गर्व दूर से ही आंखों से पहचाना जा सकता है। झपट कर चीजों को हासिल करने का भाव भी आसानी से इन आंखों में देखा जा सकता है।

ऐश्वर्य और आराम का जीवन देकर सिंह जब किसी को सुरक्षा देता है तब यह भूल जाता है कि शिकार स्वयं को ही करना पड़ेगा अन्य कोई मार कर नहीं लाएगा तो पश्चाताप भी उन्हीं आंखों की देन होता है। क्या खूबसूरत सम्मिश्रण है अपनापन, अधिकार और पश्चाताप का।

कन्या : एक छोटी बालिका, जो छोटी सी इच्छा पूरी हो जाने पर खिलखिला उठती है और उसकी आंखों में अभूतपूर्व चमक दिखाई देने लगती है वही आंख जब किसी के प्रति अपना क्रोध प्रकट करती है तो उनसे बच पाना कठिन होता है।

बुध की चतुराई यदि मिथुन में दिखाई देती है तो बुध का भोलापन कन्या की आंखों में देखा जा सकता है। एक ऐसा राजकुमार जो प्यार से बहलाने पर बहल जाए और क्रोध में बिफर कर सब कुछ तहस-नहस कर डाले। अपनी ओर आकर्षित करने की कला भी इन आंखों से सीखी जा सकती है। जो आंखें सिखाने में समर्थ हैं, उनके सौन्दर्य का गुणगान भला कैसे न किया जाए।


तुला : संयत भाव हरदम आंखों में रहे, एक दृष्टि से देखने की कोशिश की जाए तो सामने वाला आसानी से समझ ले कि मानो वही सब कुछ है। यह एहसास दिलाना तुला राशि वालों की आंखों में आसानी से पढ़ा जा सकता है। यदि सामने दस व्यक्ति बैठे हैं और किसी एक परिणाम की अपेक्षा में हैं तो सभी महसूस करेंगे कि उन्हीं के साथ न्याय होगा, उन्हीं के पक्ष में बात जाएगी, इसको बखूबी पढ़ा जा सकता है।

वृश्चिक : वृश्चिक राशि के जातक की आंखों में गहराई होती है जिसकी थाह पाना लगभग असंभव होता है। वृश्चिक राशि की आंखें तो जैसे बोलती हैं। जल तत्व राशि होने से एक अलग सी चमक दिखाई देती है। प्यार, गुस्सा, नफरत सभी भावनाएं इनकी आंखों में एकदम साफ परिलक्षित होती हैं परन्तु यदि वृश्चिक राशि का व्यक्ति न चाहे तो आंखों में कोई भाव दिखाई नहीं देगा। भले ही दिल में ज्वार भाटा उठ रहा हो, अपने भावों को यूं छुपा ले जाना और दूसरों के सामने सामान्य दिखाई देना, इसे केवल और केवल सौन्दर्य ही कहा जा सकता है कि ज्वार तो उमड़-घुमड़ रहा है, मन में बेचैनी है परन्तु आंखें कुछ और व्यक्त कर रही हैं।


धनु : धनु राशि की आंखों में दृढ़ आत्मविश्वास की झलक देखने को मिलती है। इन लोगों से बहुत देर तक आंखों में आंखें डालकर बात करना मुश्किल होता है क्योंकि इनका आत्मविश्वास प्राय: सामने वाले का विश्वास डिगा देता है। कभी-कभी आत्मविश्वास की कठोरता, कोमल भावनाओं को आंखों से प्रकट नहीं होने देती।

प्राय: इनकी वाणी और आंखों के भाव विरोधाभासी होते है जिस कारण लोग इन आंखों की कठोरता को तो महसूस कर पाते हैं परन्तु जो कोमल भावनाएं अपनी जड़ों से जुड़ी रहने की होती हैं और स्नेह के भाव को दिखा नहीं पातीं इसलिए कई बार इनको गलत समझ लिया जाता है और ये लोगों की बेरूखी का शिकार भी हो जाते हैं।

मकर : मकर राशि पृथ्वी तत्व राशि है। एक ठहराव-सा दिखता है इनकी आंखों में। इनकी आंखों में उत्साह की कमी रहती है। मकर राशि के जातक में कितनी ही महत्वाकांक्षा हो परन्तु संतोष भी बहुत अधिक होता है जो उनकी आंखों में दिखता है। इनके करीबी प्राय: इनसे शिकायत करते हैं कि ये अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर पाते।

कुंभ: कुंभ अत्यन्त शुभ राशि है। कुंभ राशि के व्यक्ति की आंखों में भाव बहुत तेजी से बदलते हैं। इनमें एक प्रमुख गुण होता है कि यदि ये चाहें तो चेहरे को सपाट और आंखों को भावहीन कर लेते हैं। यद्यपि यह कार्य ये उतनी चतुराई से नहीं कर पाते जितनी चतुराई से वृश्चिक राशि वाले कर लेते हैं। इनका करीबी व्यक्ति आंखों की किनारी में असल भाव आसानी से पढ़ सकता है।

मीन : इनकी जुबान से अधिक इनकी आंखें बोलती हैं। प्रेम, दया, करूणा के भाव इनकी आंखों में सजीव हो उठते हैं। अन्य भाव भी आसानी से पढ़े जा सकते हैं परन्तु उनकी गहराई का अनुमान लगाना मुश्किल होता है। मीन राशि का जातक चाहे कितनी भी सफाई से झूठ बोले परन्तु यदि इनकी आंखों को गौर से देखा जाए तो इनका झूठ आसानी से पकड़ा जा सकता है। जल राशि होने के कारण जल सैलाब सदा इनकी आंखों मे तैरता है और प्राय: बांध तोड़ कर यह सैलाब गालों पर बह जाता है।   

Niyati Bhandari

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