बोलने का तरीका बताता है आपके व्यक्तित्व के ये राज़
Friday, Jan 25, 2019 - 02:45 PM (IST)
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समुद्र शास्त्र एक ऐसा शास्त्र है जिसमें इंसान से संबंध रखने वाली छोटी से छोटी बात के बारे में बता सकता है। इसमें शरीर पर दिए गए चिन्हों से लेकर शरीर की बनावट तक के बारे में बताया गया है। लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि इसमें इस बात का वर्णन पढ़ने को मिलता है कि बोलने के तरीके से आपके स्वभाव को जाना जा सकता है। समुद्र शास्त्र की माने तो हम कैसे बात करते हैं, किस स्वर में बात करते हैं, ये सब हमारे व्यक्तित्व के बारे में जान सकते हैं। आइए जानते हैं इससे संबंधित कुछ खास बातें-
जैसे सबके शरीर की बनावट अलग-अलग होती है, कोई लंबा होता है तो कोई नाटा। ठीक उसी तरह हर किसी के बोलने का तरीका भी अलग-अलग होता है, कोई बहुत धीरे बात करता है तो कोई बहुत ऊंचे स्वर में बात करता है। लेकिन उनके बोलने का यही तरीका उनके स्वभाव के बारे में बहुत कुछ बताता है।
यहां विस्तार से जानें जानें कैसे बोलने वाले इंसान होते हैं अच्छे-
ऐसा होता है ऊंचे स्वर में बोलने वाले लोगों का स्वभाव: कहा जाता है कि जिन लोगों को ऊंचे स्वर में बोलने की आदत होती है ऐसे लोग दूसरों को बहुत जल्दी अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं। इनके बारे में ये भी कहा जाता है इन्हें बोलना बेहद पसंद होता लेकिन साथ ही इन्हें दूसरों की बात सुनना भी अच्छा लगता है।
तेज़ बोलने वाले होते हैं ऐसे: समुद्र शास्त्र की मानें तो कुछ लोग बहुत तेज़ी से बोलते हैं कि उनकी बात किसी को समझ भी नहीं आ पाती। इनके बारे में कहा जाता है कि ऐसे व्यक्ति कभी भी किसी बात को छुपा नहीं सकते। इनका दिल बेहद साफ़ होता है ये लोगों में खुशियां बांटने में माहिर होते हैं। इनमें लोगों के सामने अपनी बात रखने का पूरा साहस होता है। क्योंकि ये भी किसी बात को छिपाते नहीं है इसलिए ये कभी किसो को धोखा नहीं देते।
कड़वा बोलने वाले लोग होते हैं ऐसे: अक्सर देखने में मिलता है कि कुछ लोगों की वाणी में बहुत कर्कशता यानि कड़वापन होती है। माना जाता है ये अधिक झगड़ालु, दुखी और लक्ष्यहीन किस्म के होते हैं। तो वहीं इनमें से कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनका बोलने का अंदाज शेर की तरह गुर्राने जैसा होता है। माना जाता है ऐसे लोग अधिक संयम रखने वाले, विद्वान किस्म के, ज्ञानी और बहुत अध्ययन करने वाले होते हैं।
धीरे बोलने वाले लोग: धीरे से बोलने वाले लोग अविकसित बुद्धि, अज्ञानी, संकुचित बुद्धि, धूर्त, कामचोर तरह के होते हैं। लेकिन ये हर काम व्यवस्थित तरीके से करना पसंद करते हैं। ये भी माना जाता है कि धारी स्वर में बात करने वाले लोग समाज सेवा के कार्यों में काफी आगे रहते हैं।
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