आपका नाम भी करता है वास्तु दोष को प्रभावित, जानें कैसे

Sunday, Sep 27, 2020 - 05:37 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वास्तु शास्त्र में दक्षिण पूर्व की दिशा को अग्रि कोण के नाम से जाना जाता है। यह हमारे घर का अग्रि केंद्र है। यह गर्म और जलने वाला क्षेत्र है जो स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और इसलिए आमतौर पर रसोई इस दिशा में बनाई जाती है लेकिन यदि इस स्थान पर आपके घर में रसोई की जगह कोई बैडरूम या प्रवेश द्वार है तो आपको इसे बदलना चाहिए। यदि ऐसा करना भी संभव नहीं है तो इसे रंगों और पौधों के माध्यम से संतुलित किया जा सकता है। घर में स्थित वास्तु दोषों को दूर करने के लिए रंगों और पौधों का प्रयोग किया जाता है। जो वास्तु दोषों को दूर करने का एक कारगर उपाय है।

नाम अनुसार वास्तु टिप्स 
घर के मालिक या किराएदार का नाम घर के वास्तु दोष को प्रभावित करता है। दिशाओं का वास्तु स मत होना स्वास्थ्य को निर्धारित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। घर के मालिक और किराएदार को अपना नाम अपनी जन्मपत्री के शुभ ग्रह और लक्की नाम के अनुसार रखना चाहिए। इससे घर का वास्तु सकारात्मक रूप से घर में रहने वाले लोगों पर अपना प्रभाव डालता है। जन्मपत्री के ोअनुसार और जन्म तिथि के अनुसार आपके लिए शुभ (लक्की) नाम क्या होना चाहिए, यह जानने के लिए आप किसी अंक ज्योतिषी की सहायता ले सकते हैं।

सही रंग चुनें 
क्रीम, पीले और चमकीले नारंगी रंगों में नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करने की क्षमता होती है। यदि आपके घर में किसी न किसी तरह की अव्यवस्था रहती है या आप चाहे कितनी भी सफाई कर लें उन जगहों पर पानी के रिसाव की समस्या बनी ही रहती है। वास्तु शास्त्र में यह माना जाता है कि इस प्रकार के वास्तु दोष को दूर करने के लिए दीवारों पर रंगों का उपयोग करना चाहिए। इसके लिए इन क्षेत्रों में मोमबत्तियां, तौलिए, कृत्रिम, फूल आदि जैसी वस्तुओं का प्रयोग कर वास्तु दोष को कुछ हद तक दूर किया जा सकता है। यह घर से अवसाद और एलर्जी को भी दूर करने में उपयोगी भूमिका निभाता है। अधिक शुभता पाने के लिए इन रंगों का प्रयोग आप अपने बिस्तर पर करें तकिया, कवर या चादर का प्रयोग भी अनुकूल फल देता है यह नकारात्मक को कम करने में मदद करेगा।

 

Jyoti

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