Kundli Tv- आपकी ये एक गलती पड़ सकती है आपके पति पर भारी

Saturday, Oct 13, 2018 - 04:01 PM (IST)

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हिंदू धर्म की मान्यताएं के अनुसार हर विवाहित स्त्री के लिए सोलह श्रृंगार करना बहुत ज़रूरी माना जाता है। यहां तक कि अगर कोई विवाहित स्त्री की मृत्यु पति से पहले हो जाती है, तो उसके शव को पूरे सोलह श्रृंगार से सजाकर ही विदा किया जाता है। अब बात करते हैं कि सोलह श्रृंगार में उपयोग होने वाले कुछ गहनों आदि की, जिसमें बिछिया पहनना भी हर शादीशुदा स्त्री की पहचान कहलाता है। शास्त्रों के अनुसार बिछिया का संबंध पति के भाग्य से होता है। सुहाग की निशानी के साथ-साथ इससे स्वास्थ्य संबंधी भी कई लाभ मिलते हैं।

यहां जानिए बिछिया से जुड़ी कुछ खास बातें-
विवाहित महिलाओं को चांदी के बिछिया ही पहनना चाहिए। इस संबंध में ज्योतिष की मान्यता है कि सोना गुरु ग्रह की धातु है। ये ग्रह वैवाहिक जीवन का कारक होता है। सोना पैरों में पहनने से गुरु ग्रह के दोष बढ़ते हैं, जिससे पति का भाग्य बिगड़ सकता है। इसीलिए पैरों में सोने के गहने पहनने की परंपरा नहीं है।


महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए कि उंगलियों में बिछिया ढीली न हो। अगर ये ढीली होंगी तो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। ज्योतिष के अनुसार ये पति के लिए भी शुभ नहीं होती है।


कभी भी अपनी पहनी हुई बिछिया किसी अन्य महिला को न दें। पुरानी बिछिया देकर नई बिछिया खरीद सकते हैं, लेकिन किसी को दान में न दें। ऐसा करने से पति के जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं।


बिछिया पहनने से मिलते हैं ये लाभ
पैरों की उंगलियों में पहनी गई बिछिया एक्यूप्रेशर का काम करती है। इन बिछियों से उंगलियों की नसों पर दबाव बना रहता है। ये नसे गर्भाशय से सीधी जुड़ी रहती हैं। इन नसों पर दबाव पड़ने से महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान दर्द सहन करने की शक्ति मिलती है। आयुर्वेद के अनुसार लगातार चांदी का संपर्क शरीर से होने पर रजत भस्म से मिलने वाले लाभ मिलते वाले लाभ मिलते हैं।
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Jyoti

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