आपका आचरण ही बनाता है आने वाली पीढ़ी का चरित्र

Monday, May 04, 2020 - 04:47 PM (IST)

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नेल्सन मंडेला के पिता गेडला हैनरी मवेजो गांव के मुखिया थे। मुखिया का पद उन्हें थेंबू के राजा से मिला था। इस पद को ब्रिटिश शासन से सिफारिश प्राप्त थी जिसके कारण वह स्थानीय दंडाधिकारी थे। इस अधिकार का प्रयोग वह निष्पक्ष भाव से करते थे। न्यायप्रियता की चर्चा र्ड उन्हें गौरवान्वित करती थी। सरकारी नियुक्ति के कारण गुजारा भत्ते के साथ स्थानीय कर का एक छोटा हिस्सा भी उन्हें मिलता था। शासकीय व्यवस्था में राजा और मुखिया के बीच एक मैजिस्ट्रेट होता था। एक दिन एक पशुपालक ने मैजिस्ट्रेट के यहां बैल चोरी होने की शिकायत की। मैजिस्ट्रेट ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मंडेला के पिता को स मन भेजा। मंडेला के पिता ने उपस्थित होने से इंकार करते हुए जवाब भेजा कि मैजिस्ट्रेट को स मन देने का अधिकार नहीं है क्योंकि यह मुकद्दमा पहले उनके पास आना चाहिए। इस जवाब से मैजिस्ट्रेट तिलमिला उठा।

उसने अवज्ञा का आरोप लगाकर बिना किसी पूछताछ या जांच के मुखिया का पद समाप्त कर दिया। अचानक उनके पिता को आय के साथ मान-सम्मान भी जाता रहा। विवश होकर परिवार वहां से दूर कूनू नामक 73 गांव में जाकर रहने लगा। नैल्सन मंडेला उस समय इन बातों से अंजान थे। बड़े होने पर उन्हें इस घटना कौ जानकारी हुई तो उनमें गोरों के अत्याचार से लड़ने वाले विचारों ने जन्म लिया। इस घटना का उन पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि सत्ता में आने के बाद भी वह सदाचारी और न्यायपूर्ण बने रहे। दूसरी बार दक्षिण अफ्रीका का राष्ट्रपति नबनने और सत्ता से संन्यास लेने की घोषणा पर भी इस घटना का असर था। इस प्रकार जन्म के कुछ दिनों बाद घटी एक घटना, उसपरपिता की प्रतिक्रिया और उनका आचरण नैल्सन मंडेला के चरित्र को गढ़ने वाले प्रमुख कारक रहे। ध्यान रहे हमारा आचरण ही आने वाली पीढ़ियों का चरित्र बनाता है।

 

Jyoti

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