आप भी कर सकते हैं ईश्वर से मुलाकात बस करना होगा ये काम
Friday, Sep 27, 2019 - 09:48 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
एक दिन महर्षि रमण के पास 2 धर्म प्रचारक आए। उन्होंने महर्षि को प्रणाम करके कहा, "आप कहते हैं कि आपको प्रभु के दर्शन हो गए। आप हमें भी ईश्वर के दर्शन कराइए।"
महर्षि तैयार हो गए। वह उन्हें लेकर एक टूटी-फूटी झोंपड़ी के पास पहुंचे। वहां रखा पानी का बर्तन खाली था। अंदर जमीन पर कुष्ठ रोग से पीडि़त एक वृद्ध सोए हुए थे। महर्षि ने दोनों धर्म प्रचारकों से दरवाज़े पर ही ठहरने को कहा और खुद अंदर चले गए।
उन्होंने वहां सफाई की। फिर घड़े में पानी भरा। उसके बाद वृद्ध व्यक्ति के कान में प्रभु के नाम का उच्चारण कर उन्हें जगाया। वृद्ध के चेहरे पर प्रसन्नता और बदन में फुर्ती नहीं थी। महर्षि ने उनके घाव की मरहम-पट्टी की। फिर उन्हें नित्य कर्म से फारिग कराकर प्रसाद दिया। इसके बाद महर्षि ने वृद्ध से कहा, "आइए प्रभु का ध्यान करें।"
कुछ देर तक महर्षि और वृद्ध दोनों ने ध्यान किया। दोनों धर्म प्रचारक दूर से यह सब देख रहे थे। उनकी उत्सुकता बढ़ती जा रही थी। उन्हें लग रहा था, शायद अब महर्षि कुछ ऐसा चमत्कार करेंगे जिससे प्रभु सबके सामने प्रकट हो जाएंगे।
उधर महर्षि और वृद्ध दोनों ध्यान लगाए बैठे थे। ध्यान समाप्त होने पर महर्षि ने वृद्ध से पूछा, ''क्या आपको प्रभु के दर्शन हुए?"
वृद्ध ने कहा, "हां, हुए।"
महर्षि ने पूछा, "वह कैसे थे?"
उसने मुस्कुराकर कहा, ''बिल्कुल आप जैसे।"
अब वृद्ध की बारी थी, उन्होंने पूछा, ''क्या आपको प्रभु के दर्शन हुए?"
महर्षि ने कहा, ''हुए।"
वृद्ध ने पूछा, ''वह कैसे थे?"
महर्षि बोले, ''बिल्कुल आप जैसे।"
इसके बाद महर्षि धर्म प्रचारकों की ओर मुड़े और उनसे पूछा, "क्या आप लोगों को प्रभु के दर्शन हुए?"
अब तक दोनों की आंखें खुल चुकी थीं। वे बोले, ''जी, दर्शन हो गए और यह भी पता चला कि प्रभु के द्वार चढ़ने हों तो सेवा की सीढ़ी से होकर जाना पड़ता है।"