Kundli Tv- 9 जुलाई के दिन-रात हैं खास, करें यह काम

Saturday, Jul 07, 2018 - 10:49 AM (IST)

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आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी योगिनी एकादशी के नाम से प्रसिद्घ है। इस बार यह व्रत 9 जुलाई को है। पदमपुराण के अनुसार भगवान को एकादशी अति प्रिय है इसलिए जो लोग किसी भी पक्ष की एकादशी का व्रत करते हैं तथा अपनी सामर्थ्यानुसार दान-पुण्य करते हैं, वह अनेक प्रकार के संसारिक सुखों का भोग करते हुए प्रभु के परमधाम को प्राप्त होते हैं। स्कंदपुराण के अनुसार श्री कृष्ण भगवान से बढ़कर कोई देवता नहीं और एकादशी से बढ़कर कोई व्रत नहीं।


किस वस्तु का करें दान- दान चाहे किसी भी वस्तु का हो सदा ही पुण्यफलदायक होता है परंतु सदा ही भक्त को अपनी सामर्थ्यानुसार अन्न, जल, वस्त्र, फल, सोने, चांदी आदि वस्तुओं का दान करना लाभदायक होता है। यह व्रत क्योंकि सोमवार को है इसलिए सफेद वस्तुओं का दान करना अति उत्तम है। शास्त्रानुसार दान करते समय ब्राह्मण को दक्षिणा अवश्य देनी चाहिए।


व्रत में जागरण की महिमा- एकादशी व्रत में रात्रि जागरण की अत्याधिक महिमा है। स्कंदपुराण के अनुसार, जो लोग रात्रि जागरण करते समय वैष्णव शास्त्र का पाठ करते हैं, उनके करोड़ों जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। जो मनुष्य लोगों को वैष्णवशास्त्र का उपदेश करता है, वह प्रभु की सच्ची भक्ति को प्राप्त करता है। जो लोग एकादशी में रात्रि जागरण करते हुए प्रभु की महिमा का गुणगान नृत्य करते हुए करते हैं उन्हें आधे निमेष में ही अग्निष्टोम तथा अतिरात्र यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। रात्रि जागरण से विष्णुसहस्रनाम, गीता, श्रीमद्भागवत का पाठ करने से भी सैंकड़ों गुणा अधिक लाभ मिलता है। इसके अतिरिक्त जो भक्त रात को भगवान विष्णु जी के मंदिर में दीपदान करता है, उसका पुण्य सौ कल्पों तक भी नष्ट नहीं होता तथा जो तुलसी मंजरी सहित श्री हरि का पूजन करता है वह संसार के आवागमन से मुक्त हो जाता है। स्नान के साथ ही चंदन, धूप, दीप, नेवैद्य और केले से एकादशी को रात्रि जागरण में पूजा करने वाले को अक्षय पुण्य फल मिलता है।


वीना जोशी
veenajoshi23@gmail.com 

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