‎Yatra- भारत के प्राचीन मंदिर, जो अतीत में वापस ले जाते हैं

Sunday, Dec 26, 2021 - 12:13 PM (IST)

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‎Yatra- प्राचीन काल में मंदिर सामाजिक मेल-मिलाप के महत्वपूर्ण केंद्र थे। मंदिर ही ऐसी जगहें थीं, जहां नृत्य, संगीत और युद्ध की कलाओं को सम्मानित किया जाता था। देश में आज भी ऐसे कई मंदिर मौजूद हैं, जो प्राचीन कारीगरों की बेहतरीन शिल्प कला की याद दिलाते हैं। आइए आज हम उनमें से ही कुछ के बारे में आपको जानकारी देते हैं :

Brihadeeswara Temple बृहदेश्वर मंदिर, तंजौर, तमिलनाडु
इस मंदिर को 1002 ईस्वी में राजाराज चोल द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और द्रविडिय़न कला का बेहतरीन उदाहरण है। बृहदेश्वर मंदिर मंदिर निर्माण कला की सर्वश्रेष्ठ परंपरा का अनूठा संगम है, जिसमें वास्तुकला, चित्रकला और अन्य संबद्ध कलाएं सम्मिलित हैं। यह कई परस्पर संबंधित संरचनाओं से बना है, जैसे कि नंदी मंडप, एक स्तंभित पोर्टिको और एक बड़ा हॉल (सभा मंडप)। इसके शीर्ष की ऊंचाई 66 मीटर है।

Kailash Temple Ellora कैलाशनाथ मंदिर, एलोरा
यह मंदिर भी दुष्टों का संहार करने वाले भगवान शिव को समर्पित है। यह अपने आस-पास की संरचनाओं के साथ सही अनुपात और संरेखण में तराशा गया था। इसके सभी खंभे, फ्लाई ब्रिज, पत्थर के मेहराब, मूर्तियां और इमारतें पत्थर के एक ही टुकड़े से बने हैं।

Chennakeshava Temple चेन्नाकेशव मंदिर, कर्नाटक
युगाची नदी के तट पर स्थित यह मंदिर होयसल काल की शुरुआती सर्वोत्तम कृति है। यह विजयनगर के शासकों द्वारा चोलों पर उनकी विजय को दर्शाने के लिए बनाया गया था। यह मंदिर पूरी तरह से भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान विष्णु के विभिन्न पहलुओं को नक्काशी के माध्यम से चित्रित किया गया है और यहां विशेष रूप से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को एक साथ स्थापित किया गया है।

Tungnath Temple तुंगनाथ मंदिर, उत्तराखंड
यह मंदिर सभी पंच केदार- तुंगनाथ, मध्यमेश्वर, केदारनाथ, रुद्रनाथ और कल्पेश्वर में से सबसे अधिक ऊंचाई (समुद्र तल से 3680 मीटर) पर स्थित है। यह मंदिर रामायण से भी जुड़ा है, जहां भगवान राम ने रावण का वध करने के बाद ब्रह्महत्या के अभिशाप से बचने के लिए तपस्या की थी। यह इतना मंदिर छोटा है कि यहां एक बार में केवल 10 लोगों को ही प्रवेश की अनुमति है।

Adi Kumbeswarar Temple आदि कुंभेश्वर, तमिलनाडु
भारत में स्थित कुंभकोणम को मंदिरों का नगर कहा जाता है। यहीं पर आदि कुंभेश्वर मंदिर स्थित है। यह मंदिर विजयनगर काल का है। आदि कुंभेश्वर मंदिर के प्रमुख देवता हैं और उनका पवित्र स्थान मंदिर के केंद्र में है। कुम्भेश्वर लिंगम (शिवलिंग) के रूप में हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि भगवान शिव ने स्वयं अमृत को रेत में मिलाकर इसे बनाया था।

Pushkar Brahma Temple जगत पिता ब्रह्मा मंदिर, राजस्थान
इस मंदिर की संरचना 14वीं शताब्दी की है लेकिन यह मंदिर 2000 वर्ष पुराना बताया जाता है। मंदिर मुख्य रूप से संगमरमर और पत्थर के स्लैब से बना है। इसका शिखर लाल रंग का है और उस पर एक पक्षी की आकृति भी मौजूद है। मंदिर के बीचो-बीच भगवान ब्रह्मा और उनकी दूसरी पत्नी गायत्री की मूर्तियां हैं। यहां कार्तिक पूर्णिमा के समय ब्रह्मा जी को समर्पित एक त्यौहार का आयोजन होता है।

Varadharaja Perumal Temple वरदराजा पेरुमल मंदिर, तमिलनाडु
वरदराजा पेरुमल मंदिर भगवान विष्णु के पवित्र शहर कांचीपुरम में स्थित है। माना जाता है कि 12 कवियों-संतों या अलवारों ने भगवान विष्णु के 108 मंदिरों का भ्रमण किया था, जिनमें से यह भी एक दिव्य देशम है। यह भी माना जाता है कि मंदिर की छत को सुशोभित करती छिपकलियों की मूर्तियों के स्पर्श मात्र से ही आपके पिछले जीवन के सारे पाप धुल जाते हैं।

Konark Sun Temple कोणार्क सूर्य मंदिर, ओडिशा
इस मंदिर को 1250 ईस्वी के आस-पास पूर्वी गंग राजवंश के राजा नरसिम्ह देव प्रथम द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर पत्थर के पहियों, स्तंभों और दीवारों के साथ एक विशाल रथ के आकार में है। इसकी संरचना का एक बड़ा हिस्सा अब खंडहर के रूप में है। यह मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में भी शामिल है।

Dilwara Temples राजस्थान के माऊंट आबू के पास दिलवाड़ा मंदिर
ये मंदिर (पांच मंदिरों का समूह) माउंट आबू से लगभग 2.5 किमी दूर स्थित हैं और इन पांचों मंदिरों में से हर एक मंदिर अपने आप में अद्वितीय है। इनका निर्माण 11वीं और 13वीं शताब्दी (ईस्वी) के बीच हुआ था। ये मंदिर संगमरमर के अद्भुत उपयोग के लिए प्रसिद्ध हैं। ये पांच मंदिर (विमल वसाही, लूना वसाही, पित्तल हर मंदिर, पार्श्वनाथ मंदिर और महावीर स्वामी मंदिर) दुनिया के सबसे सुंदर जैन तीर्थ स्थल माने जाते हैं।

Pancharatna Temple पंचरत्न मंदिर, बांकुरा, पश्चिम बंगाल
यह मंदिर राजा रघुनाथ सिंह द्वारा 1643 में बनवाया गया था। यह मंदिर एक छोटे से वर्गाकार चबूतरे पर बना है। मंदिर के चारों तरफ तीन मेहराबों वाले द्वार के साथ चारों तरफ घूमने के लिए एक बरामदा है। दीवारों पर बड़े पैमाने पर टेराकोटा नक्काशी के माध्यम से भगवान कृष्ण की लीलाओं का चित्रण किया गया है।

Badami Cave Templesबादामी गुफा मंदिर, कर्नाटक
बादामी गुफा मंदिर कर्नाटक के उत्तरी भाग में बागलकोट जिले के बादामी शहर में स्थित मंदिरों का एक परिसर है। इन्हें भारतीय रॉक-कट वास्तुकला, खासकर बादामी चालुक्य वास्तुकला का उदाहरण माना जाता है।

Will Temple, Hampi, Karnataka विल मंदिर, हम्पी, कर्नाटक
संभवत: यह मंदिर हम्पी परिसर के मंदिरों में से सर्वाधिक लोकप्रिय है। यहां मशहूर म्यूजिकल पिलर्स हैं, जिनमें से अद्भुत ध्वनि निकलती है। अंग्रेज इस ध्वनि का रहस्य जानना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने दो खंभे कटवा दिए लेकिन उन्हें वहां खोखले खंभों के अलावा कुछ नहीं मिला। मंदिर की ओर जाने वाली सड़क पर कभी एक बाजार हुआ करता था, जहां घोड़ों का व्यापार किया जाता था। आज भी हम सड़क के दोनों ओर बाजार के अवशेष देख सकते हैं। मंदिर में घोड़े बेचने वाले फारसियों की मूर्तियां अभी भी मौजूद हैं।

Orchha ओरछा मंदिर, मध्य प्रदेश
विश्व प्रसिद्ध खजुराहो मंदिर के पास स्थित, ओरछा एक अन्य प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैै। शहर में चतुर्भुज मंदिर, लक्ष्मी मंदिर और राम राजा मंदिर हैं। ऊंचाई पर बने चतुर्भुज मंदिर का ऊंचा शिखर लोगों के आकर्षण का केन्द्र है। इसका बाहरी हिस्सा कमल के प्रतीकों से सजा है। राजा राम मंदिर महल की तरह बना हुआ है। यहां भगवान राम की पूजा राजा के रूप में की जाती है।
मंदिर और किले का एक अनूठा मिश्रण है लक्ष्मी मंदिर। इस त्रिकोणीय मंदिर के अंदर एक अष्टकोणीय केंद्रीय टावर है। इसके अनोखेपन के कारण ही इसका प्रवेश द्वार बीच की बजाय एक कोने में स्थापित किया गया है।

 

 

Niyati Bhandari

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