Yamuna Chhath: लोक डाउन के कारण नहीं जा सकते यमुना घाट, घर बैठे करें ये काम

Monday, Mar 30, 2020 - 10:01 AM (IST)

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Yamuna Chhath 2020 : आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी देवी यमुना का जन्मदिन मनाए जाने का विधान है। इस दिन को यमुना छठ अथवा यमुना जयंती के रुप में जाना जाता है। देवी यमुना भगवान सूर्य नारायण की पुत्री हैं। कर्मफलदाता शनि और मृत्यु के देवता यम की बहन हैं। वे श्याम वर्ण की हैं। द्वापर युग में यमुना जी धरती पर अवतरित हुई थी। यमुना छठ पर ही वल्लाभाचार्य जी ने यमुना अष्टक का सृजन किया था। कहते हैं यमुना छठ के दिन जो व्यक्ति यमुना नदी में स्नान करके उनकी पूजा करता है। उसके जन्म-जन्मांतर के पाप कट जाते हैं।

वैसे तो हर वर्ष इस शुभ दिन पर मां यमुना के हर घाट पर उनको छप्पन भोग लगाया जाता है एवं उनकी विशेष पूजा और आरती होती है। नगरों और शहरों में झाकियां भी निकाली जाती थी। यमुना नदी में स्नान करने के लिए देश-विदेश से लोग आते थे। मथुरा और वृंदावन में तो इस दिन बहुत बड़ा उत्सव मनाया जाता था। इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते ये सब करना असंभव है। आप घर पर ही इस विधि से यमुना छठ का उत्सव मना सकते हैं- 

स्नान के पानी में थोड़ा सा यमुना जल डालकर स्नान करें। साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनें।

भगवान श्रीकृष्ण के आगे मां यमुना का ध्यान करते हुए दीपक लगाकर, सुंदर-सुंदर फूल चढ़ाएं।

सारा परिवार मिलकर यमुना छठ की कथा पढ़े या सुनें। फिर आरती करें। संभव हो तो गाय माता तो रोटी और गुड़ अथवा हरा चारा खिलाएं।

अकेले में बैठकर तुलसी की माला से मां यमुना के मंत्रों का जाप करें अथवा महामंत्र का जाप भी किया जा सकता है। 

Niyati Bhandari

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