Navratri 4th Day: कोरोना से बचाएगी मां कुष्मांडा की पूजा

Tuesday, Oct 20, 2020 - 10:39 AM (IST)

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Shardiya Navratri 2020 4th Day: नवरात्र का चौथा दिन माता कुष्मांडा को समर्पित है। माता का यह रूप शोक-विकारों और रोगों से मुक्ति प्रदान करता है। माता का यह स्वरूप देवी पार्वती के विवाह के बाद से ले कर कुमार कार्तिकेय के जन्म के बीच का माना जाता है। कहा जाता है कि माता ने अपनी मंद मुस्कराहट के द्वारा “अंड” अर्थात “ब्रह्माण्ड” की उत्पत्ति की थी इसी कारण उनको कुष्मांडा नाम से जाना जाता है। माता कुष्मांडा का निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोकों में है जहां रह पाने में सिर्फ माता ही सक्षम हैं।


Navratri 4th Day: माता कुष्मांडा के स्वरूप में सूर्य की ही भांति आभा है। माता अष्टभुजाधारी है। माता ने अपने हाथों में धनुष-बाण, चक्र, गदा, अमृत-कलश, कमंडल, पुष्प और सिद्धियों और निधियों से युक्त माला को धारण किया हुआ है। माता की सवारी सिंह है।

Maa Kushmanda puja vidhi: माता का बुध ग्रह पर अधिकार है इसलिए उनका प्रिय रंग हरा है। इस दिन व्रती सुबह-सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर के माता की पूजा हेतु उनकी मूर्ति स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें। मूर्ति का गंगा जल से शुद्धिकरण करें। फिर उनको सिंदूर, हल्दी, चन्दन, रोली, दुर्वा और लाल चुनरी अर्पित करें। फिर धूप-दीप जला कर उनको प्रसाद अर्पित करें। संस्कृत में कुष्मांड को कद्दू बोला जाता है, इसलिए माता को कद्दू से बना पेठा प्रसाद के रूप में जरुर चढ़ाएं। माता की पूजा-अर्चना से अनाहत चक्र जागृत होता है। व्रती को इस मंत्र के जाप से विशेष फल प्राप्त होता है।

Shri Kushmanda Mantra: सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते। भयेभ्य्स्त्राहि नो देवि कूष्माण्डेति मनोस्तुते।।


Worship of Maa Kushmanda: देवी कुष्मांडा आराधना से प्रसन्न हो कर जातक को रोग-शोक से मुक्ति प्रदान करती हैं और उनकी आयु, यश, समृद्धि में भी वृद्धि होती है। जो जातक बार-बार बीमार होते हैं, माता कुष्मांडा की पूजा करने से शीघ्र ही आरोग्य हो जाते हैं।

COVID-19: इस समय जैसे की कोरोना काल चल रहा है और सभी तरफ बीमारी ने अपने पैर पसारे हुए हैं, ऐसे में माता कुष्मांडा की सच्चे मन से आराधना करने से विशेष लाभ प्राप्त होगा।

आचार्य लोकेश धमीजा
वेबसाइट –www.goas.org.in

Niyati Bhandari

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