ये है दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी व खूबसूरत मस्जिद, आपका भी मन मोह लेंगी ये PICS

Tuesday, May 21, 2019 - 01:10 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
जैसे कि सब जानते हैं मुस्लिम धर्म में पाक कहे जाने वाला रमज़ान का माह चल रहा है। इस महीने में सभी मुसलमान रोज़ें रखकर और अल्लाह की इबादत करते हैं ताकि उनकी रहम भरी निगाह हमेशा उन पर बनी रहे। कहते हैं इस दौरान देश-विदेश की सभी मस्जिदों में रोज़ाना से अधिक लोग देखने को मिलती है क्योंकि इस्लाम धर्म की मान्यताओं के रमज़ान में अल्लाह अपने बंदों के लिए जहन्नुम के दरवाज़े बंद करके जन्नत के दरवाज़े खोल देते हैं। तो चलिए रमज़ान के इस खास मौके पर बताते हैं आपको अबु धाबी के सबसे खूबसूरत मस्जिद के बारे में जो दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद है। कहा जाता है कि संयुक्त अरब अमीरात की सबसे बड़ी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद शेख जायद ग्रैंड मस्जिद विश्वभर के मुस्लिमों के लिए बहुत खास मानी जाती है। बल्कि सऊदी अरब की मक्का और मदीना की मस्जिदों के बाद अगर किसी मस्जिद को अधिक खास माना जाता है तो वो यही है। ये खूबसूरत मस्जिद इतनी बड़ी है कि 40,000 लोग एक साथ नमाज़ अदा कर सकते हैं।

दूर से ही चमकती है मस्जिद
कहा जाता है कि कारीगारी का बेज़ोड़ नमूना दर्शाती सबसे खूबसूरत मस्जिद का निर्माण कार्य संयुक्त अरब अमीरात के पूर्व शासक शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान ने वर्ष 1996 में शुरू करवाया था। कहा जाता है कि इसे बनाने के पीछे दुनिया भर में फैली इस्लामिक मान्यताओं और रीति-रिवाजों को एक स्थान पर लाना था, जहां इस्लाम की विविधता में एकता को दर्शाया जा सके। बता दें इसको बनवाने में मुख्य रूप से मकराना (राजस्थान) के मार्बल का उपयोग किया गया है। जो अपनी चमक के चलते मस्जिद को भव्य आभा देता है। इसके अलावा मस्जिद को बनाने में अर्द्ध कीमती पत्थरों, क्रिस्टल आदि का प्रयोग किया गया है।

अंदर गोल्ड कोटिंग
मस्जिद के अंदर भव्य नक्काशी के सात-साथ गोल्ड कोटिंग की गई है। मस्जिद के मुख्य गुंबद की ऊंचाई 75 मीटर और लंबाई 32.2 मीटर है। मुख्य हॉल का कालीन हाथ का बुना है, जो दुनिया का सबसे बड़ा कालीन कहलाता है। बताया जाता है कि लगभग 6,000 वर्गफीट के क्षेत्रफल वाला यह कालीन खास रूप से ईरान से मंगवाया हुआ है। इसको बनाने में 1200 से अधिक ईरानी महिलाओं ने 2 साल तक दिन रात की मेहनत की थी।

कैलीग्राफी
कहा जाता है इस मस्जिद का निर्माण 12 वर्षों में पूरा हुआ था। इसको बनाने के लिए मोरक्को, तुर्की, भारत, मलेशिया, चीन, ईरान, ब्रिटेन, और ग्रीस से कारीगर बुलाए गए थे। इसकी दीवारों और खंभों पर कैलीग्राफी की गई है और बेहद खूबसूरती से अल्लाह के 99 पाक नाम लिखे गए हैं।
 

Jyoti

Advertising