World's biggest Quran: भारत में दुनिया की सबसे बड़ी ‘कुरान’ !

Wednesday, Apr 24, 2024 - 08:07 AM (IST)

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Worlds biggest Quran: हिंदू धर्म में भगवद् गीता और रामायण, जबकि मुस्लिम समुदाय में कुरान को पढ़ा जाता है। इनमें दिए उपदेश अलग-अलग मान्यताओं पर आधारित हैं। कुछ समय पहले इस्लाम को मानने वाले लोगों के लिए सबसे पवित्र महीना चल रहा था। उस महीने को रमजान कहा जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे बड़ी हस्तलिखित कुरान होने का दावा कहीं और नहीं, बल्कि हमारे भारत में किया गया है। यह कुरान राजस्थान के टोंक शहर में है, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं।

Who created the huge Quran ? किसने बनाई विशाल कुरान
इस बहुत बड़े आकार की कुरान को बनाने में करीब 2 साल लग गए थे। यह कुरान ‘मौलाना अब्दुल कलाम आजाद अरबी-फारसी शोध संस्थान’ की देखरेख में 200 कलाकारों द्वारा लिखी गई थी। इसे लिखने में 2 साल का समय लगा था, जिसे अब टोंक की जामा मस्जिद में रखा गया है। संस्थान के मौलाना जमील अहमद बताते हैं कि पवित्र कुरान का यह बेहद दुर्लभ संस्करण चित्तौड़गढ़ के हाजी मुहम्मद शेर खान के अनुरोध पर संकलित किया गया था।

यह कुरान बहुत ही सुंदर दिखती है। इसके हर पन्ने पर अलग-अलग तरह की फूलों की खूबसूरत नक्काशी की गई है। इतना ही नहीं, इसे लिखने में जिस स्याही का इस्तेमाल किया गया है, उसे जर्मनी से मंगाया गया था। इसको उठाने के लिए कम से कम 25 लोगों की जरूरत होती है।

वहीं इसका एक पन्ना पलटने के लिए दो आदमियों की जरूरत होती है। यह कुरान 64 पन्नों की है। इसकी लंबाई करीब 10.5 फुट और चौड़ाई 7.6 फुट है। यह दिखने में न केवल विशाल है, बल्कि बहुत ही अधिक सुंदर भी है। रजमान के महीने में सबसे अधिक लोग इस कुरान को देखने के लिए टोंक आते हैं।

Claims regarding big Qurans बड़ी कुरानों के लेकर दावे
गौरतलब है कि दुनिया में कई बड़ी कुरानें हैं और यह कहना मुश्किल है कि कौन-सी सबसे बड़ी है। हालांकि, जानकार कहते हैं कि कुरान का आकार महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसके संदेश और शिक्षाएं महत्वपूर्ण हैं।


World's other biggest Quran दुनिया की अन्य बड़ी कुरान
एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की सबसे बड़ी कुरानों में से एक जर्मनी के बर्लिन शहर में है। यह कुरान 3 मीटर ऊंची, 2 मीटर चौड़ी और 500 किलोग्राम वजनी है।

यह हाफिज अब्दुल जहूर द्वारा लिखी गई थी, जिन्होंने इसे लिखने में 10 साल का समय लगाया था। यह 2010 में पूरी हुई थी और इसे बर्लिन के इस्लामिक सैंटर में रखा गया है।  यह अरबी भाषा में लिखी गई है और इसे सोने और चांदी से सजाया गया है और कांच के एक बक्से में रखा गया है।

 

 

Niyati Bhandari

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