World Tsunami Awareness Day 2023: आज मनाया जाएगा विश्व सुनामी जागरूकता दिवस, जानें क्या है इसके पीछे का इतिहास ?

Sunday, Nov 05, 2023 - 09:43 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

World Tsunami Awareness Day: विश्व सुनामी जागरूकता दिवस प्रतिवर्ष 5 नवंबर को सुनामी के खतरनाक प्रभावों और इससे बचने के लिए तैयारियों और पूर्व चेतावनी के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित किया जाता है। इसे मनाने का फैसला 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने किया था।

What is tsunami सुनामी क्या है 
समुद्र के भीतर अचानक जब बड़ी तेज हलचल होने लगती है तो उसमें उफान उठता है। इससे लंबी और बहुत ऊंची लहरों का रेला उठना शुरू हो जाता है, जो जबरदस्त आवेग के साथ आगे बढ़ता है। इन्हीं लहरों के रेले को सुनामी कहते हैं। दरअसल सुनामी जापानी शब्द है जो ‘सु’ और ‘नामी’ से मिल कर बना है ‘सु’ का अर्थ है ‘समुद्र तट’ और ‘नामी’ का अर्थ है ‘लहरें’।

पहले सुनामी को समुद्र में उठने वाले ज्वार के रूप में भी लिया जाता रहा है लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल समुद्र में लहरें चांद, सूरज और ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से उठती हैं लेकिन सुनामी लहरें इन आम लहरों से अलग होती हैं।

Tsunami Causes सुनामी के कारण
सुनामी लहरों के पीछे वैसे तो कई कारण होते हैं लेकिन सबसे ज्यादा असरदार कारण है भूकंप। इसके अलावा जमीन धंसने, ज्वालामुखी फटने, किसी तरह का विस्फोट होने और कभी-कभी उल्कापात के असर से भी सुनामी लहरें उठती हैं। सुनामी लहरें समुद्री तट पर भीषण तरीके से हमला करती हैं और जान-माल का बुरी तरह नुक्सान कर सकती हैं।

क्या सुनामी लहरों का अंदाजा पहले से लगाया जा सकता है ?
जिस तरह वैज्ञानिक भूकंप के बारे में भविष्यवाणी नहीं कर सकते, वैसे ही सुनामी के बारे में भी अंदाजा नहीं लगा सकते लेकिन सुनामी के अब तक के रिकॉर्ड को देखकर और महाद्वीपों की स्थिति को देखकर वैज्ञानिक कुछ अंदाजा लगा सकते हैं।

धरती की प्लेट्स या परतें जहां-जहां मिलती हैं, वहां के आसपास के समुद्र में सुनामी का खतरा ज्यादा होता है। जैसे ऑट्रेलियाई परत और यूरेशियाई परत जहां मिलती हैं वहां स्थित है सुमात्रा, जो दूसरी तरफ फिलिपीनी परत से जुड़ा हुआ है। सुनामी लहरों का कहर वहां भयंकर रूप में देखा जा चुका है।

भूकंप से सुनामी लहरें कैसे उठती हैं?
देखिए, जब कभी भीषण भूकंप की वजह से समुद्र की ऊपरी परत अचानक खिसक कर आगे बढ़ जाती है तो समुद्र अपनी समांतर स्थिति में ऊपर की तरफ बढ़ने लगता है।

जो लहरें उस समय बनती हैं वे सुनामी लहरें होती हैं। इसका एक उदाहरण यह हो सकता है कि धरती की ऊपरी परत फुटबॉल की परतों की तरह आपस में जुड़ी हुई है या कहें कि एक अंडे की तरह से है जिसमें दरारें हों। अंडे का खोल स त होता है लेकिन उसके भीतर का पदार्थ लिजलिजा और गीला होता है। भूकंप के असर से ये दरारें चौड़ी होकर अंदर के पदार्थ में इतनी हलचल पैदा करती हैं कि वे तेजी से ऊपर की तरफ का रुख कर लेता है।

When 1.50 kilometer high waves rose on the earth जब पृथ्वी पर उठी थीं 1.50 किलोमीटर ऊंची लहरें
बात तब की है, जब एक एस्टेरॉयड धरती से टकराया और उसने ऐसी सुनामी पैदा की जो धरती पर अब तक आई किसी भी सुनामी से कई हजार गुणा बड़ी थी। दुनिया कुछ मिनटों में तहस-नहस हो गई थी। यह घटना थी उस एस्टेरॉयड की, जो यूकाटन प्रायद्वीप से आकर टकराया था, जहां आज आधुनिक मैक्सिको है। इसे ‘द चिक्सुलब एस्टेरॉयड’ कहते हैं।

इस टक्कर से आधी धरती पर समुद्र की तलहटी की रूपरेखा बदल गई और बहुत बड़ी सुनामी आई थी। शुरुआती टक्कर से हुए धमाके से निकली पहली सुनामी की लहर 1.50 किलोमीटर ऊंची थी। इसके बाद टक्कर से बने गड्ढे को भरने के लिए दूसरी सुनामी लहर आई। फिर वहां से पानी की टक्कर से अन्य लहर निकली। इस तरह से 4 घंटे तक पूरी धरती पर सुनामी की लहरें आती रही थीं।

Prachi Sharma

Advertising