World AIDS Day: पंजाब में अब 1 लाख 20 हजार के करीब पहुंची एड्स रोगियों की संख्या

punjabkesari.in Friday, Dec 01, 2023 - 09:03 AM (IST)

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चंडीगढ़ (अर्चना सेठी): पंजाब में एच.आई.वी. रोगियों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। नशे की बुरी लत लोगों को एड्स के दानव के चंगुल में फंसाती जा रही है। पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के आंकड़ों की मानें तो पंजाब में एड्स के लिहाज से सबसे खराब स्थिति लुधियाना, बठिंडा, अमृतसर, जालंधर, मुक्तसर, मोगा की है। यह ऐसे जिले हैं जो एच.आई.वी. पॉजीटिव पेशैंट्स के लिहाज से टॉप जिलों में शुमार हैं। पंजाब में मौजूदा समय में 1 लाख 20 हजार के करीब एड्स रोगियों की संख्या है। वर्ष 2023-24 (सितंबर तक) पंजाब में 8,463 नए एड्स रोगी शामिल हुए हैं। 

हालांकि वर्ष 2022-23 में नए एड्स रोगियों की तादाद 10,858 थी। पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी का रिकॉर्ड कहता है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में सितंबर तक लुधियाना से 1455 नए एड्स रोगी सामने आए हैं। उसके बाद एड्स के लिहाज से दूसरा घातक जिला बठिंडा है, यहां से 876 पेशैंट्स, अमृतसर से 787, जालंधर से 473, मुक्तसर से 465, मोगा से 452, फरीदकोट से 421, पटियाला से 418, फिरोजपुर से 335, कपूरथला से 333, तरनतारन से 326, फाजिल्का से 320, बरनाला से 254, होशियारपुर से 209, संगरूर से 208, गुरदासपुर से 207, नवांशहर से 189, मोहाली से 168, मानसा से 162, फतेहगढ़ साहिब से 111, रूपनगर से 102, मालेरकोटला से 100 तथा पठानकोट से 92 एड्स पेशैंट्स सामने आ चुके हैं।

लुधियाना, बठिंडा, अमृतसर, जालंधर, मुक्तसर, मोगा जिलों से बढ़ी तादाद 

 अब नए फार्मूले से दूर करेंगे रोग पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी ने पंजाब से एड्स को दूर करने के लिए नए फार्मूले पर काम करना शुुरू किया है। पहले राज्य में आने वाले ट्रक ड्राइवर, प्रवासी मजदूर जो अपने घरों से लगातार कई महीनों के लिए दूर रहते थे, उनके एच.आई.वी. टैस्ट किए जाते थे। सूई से नशा करने वाले (आई.डी.यू.) नशेड़ियों, फीमेल सैक्स वर्कर्स (एफ.एस.डब्ल्यू.), मैन सैक्स मैन (एम.एस.एम.) की टैसटिंग तो आज भी की जा रही है लेकिन उनके पार्टनर की टैसटिंग भी शुरू कर दी गई है। ट्रक ड्राइवर की पत्नी, प्रवासी मजदूर महिला के पति इत्यादि की टैसटिंग भी की जा रही है ताकि एड्स का खात्मा हो सके। 3 सालों में पंजाब में सूई से नशा करने वाले 1649 (आई.डी.यू.) एच.आई.वी. रोगी सामने आ चुके हैं। पंजाब की 186 फीमेल सैक्स वर्कर (एफ.एस.डब्ल्यू.)और 203 मैन सैक्स मैन (एम.एस.एम.) भी एच.आई.वी. ग्रस्त हैं। आई.डी.यू., एफ.एस.डब्ल्यू. और एम.एस.एम. के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इनकी एच.आई.वी. जांच भी नियमित तौर पर की जा रही है और पॉजीटिव पाए जाने के बाद उनके इलाज और दवाओं का भी ध्यान रखा जाता है। 

पांच वर्षों में एच.आई.वी. मरीजों में टॉप जिले

वर्ष     लुधियाना  जालंधर अमृतसर  बठिंडा  मोगा
2023-24  1455      473     787        876     452
2022-23  2148      711        1272      1197     833
2021-22  1357        516        824       669        651
2020-21   995       507       723         615      537
2019-20  1439       888        1176      621      630

 
प्रदेश वासियों को किया जा रहा जागरूक
स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी की मॉनिटरिंग इवैल्यूएशन ऑफिसर डॉली खुराना का कहना है कि सोसायटी लोगों को एच.आई.वी./एड्स के प्रति जागरूक करने के लिए कई तरह के प्रोग्राम चला रही है। लोगों को रेडियो, एफ.एम., टी.वी., वैब चैनल के अलावा नुक्कड़ नाटकों के जरिए भी जागरूक किया जा रहा है। 

इंजैक्टिबल ड्रग यूजर्स को भी जागरूक किया जाता है कि वह नशामुक्ति की तरफ ध्यान दें। ये लोग नशे के लिए इस्तेमाल सूई का कई बार इस्तेमाल करते हैं और समूह में कई लोग एक ही सूई से नशा कर लेते हैं। ऐसा करने पर भी लोग एच.आई.वी. संक्रमित हो जाते हैं और उनकी रोग प्रतिरोध क्षमता कमजोर होने पर दूसरे कई तरह के रोग अपनी चपेट में ले लेते हैं।

बीते वर्षों में सामने आए
 नए एच.आई.वी. मरीज

वर्ष       मरीज
2023-24     8,463
2022-23  10,858
2021-22    8,464
2020-21  7,636
2019-20    10,587
2018-19    8,133
2017-18   6,730

टैसटिंग बढ़ी है, पेशैंट्स तो आएंगे ही सामने

 

पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के एडिशनल प्रोजैक्ट डायरैक्टर डा. बॉबी गुलाटी का कहना है कि ऐसा नहीं है कि एड्स रोगियों की संख्या कम नहीं हो रही है बल्कि अब पंजाब के लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हो गए हैं। लोग जानने लगे हैं कि टैसटिंग के बाद इलाज लेकर वह स्वस्थ हो जाएंगे। लोगों ने इंटीग्रेटेड काऊंसलिंग एंड टैसटिंग सैंटर्स (आई.सी.टी.सी.) में जाकर टैस्ट करवाने शुरू कर दिए हैं। 

टैस्ट की वजह से बीमारी सामने आ रही है और पेशैंट इलाज ले रहे हैं। लुधियाना, अमृतसर, जालंधर, मोगा, बठिंडा में प्रवासी मजदूरों की संख्या अधिक हो गई है। यहां दूसरे राज्यों से आकर लोग नशा भी करते हैं, ट्रक ड्राइवर, प्रवासी मजदूर असुरक्षित संबंध बनाते हैं। लुधियाना, अमृतसर, जालंधर, बठिंडा जैसे शहरों में आई.सी.टी.सी. केंद्र पहले से खुले हैं और लोग उन सैंटर्स के बारे में जानते भी हैं इसलिए वहीं से टैस्ट भी करवा लेते हैं।

 


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Content Writer

Niyati Bhandari

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