सावन 2019 : क्यों सप्ताह के बाकी दिन छोड़कर सोमवार को ही रखा जाता है व्रत ?
Saturday, Jul 20, 2019 - 09:41 AM (IST)
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हिंदू धार्मिक ग्रंथों, पुराणों व शास्त्रों में भगवान शिव की उपासना के लिए सोमवार का दिन सबसे उत्तम बताया गया है। मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति पूरी निष्ठा से सोमवार के दिन शिव शंकर की आराधना करता है भोले भंडारी उसकी सभी मनोकामनाओं को झट से पूरा कर देते हैं। लेकिन आप में से कभी किसी ने ये सोचा है कि आख़िर क्यों शिव भक्ति के लिए सोमवार के दिन को ही चुना गया। अगर आपके मन में कभी ये प्रश्न आया है लेकिन कभी इसका जवाब आज तक नहीं मिल पाया तो चलिए आज हम आपको इसका जवाब देते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा का दूसरा नाम सोम है, जो भगवान शिव के मस्तक पर सुशोभित हैं। माना जाता है यही वजह है कि सोमवार को भोलेबाबा का दिन माना जाता है। सोम का एक और अर्थ होता है, जिसका मतलब होता है सौम्य। अब हिंदू धर्म में अगर सौम्य देवता की बात की जाए तो सबसे पहला नाम जो मन में आता है वो भोलेनाथ। इनकी सरलता और सहजता के कारण भक्त इन्हें भोलेनाथ कहकर बुलाते हैं।
सोम का तीसरा अर्थ है सोमरस। धार्मिक मान्यताओं की मानें तो इसका सेवन देवता किया करते थे, जिससे उन्हें आरोग्य की प्राप्ति होती थी। कहा जाता है जिस प्रकार सोमरस को अमृत के समान समझा जाता है ठीक उसी तरह शिव हमेशा मनुष्यों के लिए कल्याणकारी बने रहे इसलिए सोमवार को महादेव की उपासना की जाती है।
इसका चौथा अर्थ चंद्रमा से है, जो व्यक्ति के मन का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं हर मनुष्य के मन की चेतनता और चंचलता को पकड़कर भगवान शिव ने अपने वश में कर रखा है। हम अपनी भक्ती से भोलेबाबा को प्रसन्न करके उन तक पहुंच सके इसलिए महादेव की उपासना सोमवार को की जाती है।
ऐसे करें सोमवार को पूजा-
सावन के प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर नमः शिवाय का जाप करते हुए बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल, दूध, सफेद चंदन, अक्षत् आदि अर्पित करें। संभव हो तो इस दिन बेलपत्र पर सफ़ेद चंदन से राम-राम लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं इससे भगवान शिव अधिक प्रसन्न होते हैं।
सावन सोमवार व्रत के लाभ-
हर व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियां दूर होती हैं, कुंवारी लड़कियों को अपना मनचाहा वर प्राप्ति का वरदान मिलता है।
ज्योतिष के अनुसार इस दिन व्रत करने से जातक को अकाल मृत्यु और दुर्घटना से मुक्ति मिलती है।
रोगी व्यक्ति को निरोग काया का वरदान मिलता है।
सावन में रोज़ाना शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाने से संतान सुख के प्रबल योग बनते हैं।