क्यों मनाया जाता है ‘महिला दिवस’, जानें यहां

Sunday, Mar 06, 2022 - 11:07 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
प्रत्येक वर्ष 8 मार्च का दिन पूरी दुनिया के लिए बहुत खास होता है। इस दिन ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ मनाया जाता है- एक ऐसा दिन जब महिलाएं अपनी आजादी का खुलकर जश्न मनाती हैं। यह दिवस इसलिए भी जरूरी है क्योंकि आज की महिला पुरुषों से पीछे न रहते हुए अपने सपनों की उड़ान भरने में यकीन रखती है। जीवन के हर फील्ड में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने और अपने अधिकारों से अनजान महिलाओं को इस संबंध में जागरूक करने के उद्देश्य से ही हर साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है लेकिन सवाल यह है कि इस दिन को मनाने की शुरूआत कब और कहां से हुई? 

महिला दिवस का इतिहास
दरअसल, साल 1908 में अमरीकी शहर न्यूयॉर्क में 15 हजार औरतों ने सड़कों पर मार्च निकालकर नौकरी में कम घंटे, बेहतर वेतन और साथ-साथ मतदान करने के अधिकार को लेकर आवाज उठाई थी। कामकाजी महिलाओं की मांग थी कि उनकी नौकरी के घंटे कम किए जाएं, उन्हें पहले 10-12 घंटे काम कराया जाता था, जो बाद में कम कर दिया गया। यह प्रदर्शन काफी दिन चला जिसके एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमरीका ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया।

साल 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं द्वारा एक सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर हर साल मनाने का सुझाव दिया गया। यहीं से 8 मार्च के दिन दुनिया भर में महिला दिवस मनाया जाने लगा।  हालांकि, साल 1975 में इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मान्यता मिली, जब संयुक्त राष्ट्र ने इस खास दिन को एक थीम के साथ मनाने को कहा। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बहुत से देशों में महिलाओं को छुट्टी दी जाती है। इन देशों की सूची में अफगानिस्तान, क्यूबा, वियतनाम, कम्बोडिया, रूस, बेलारूस, यूगांडा आदि शामिल हैं।

इस साल की थीम : साल 2021 में जहां महिला दिवस की थीम महिला नेतृत्व और कोविड-19 की दुनिया में एक समान भविष्य को प्राप्त करना था वहीं इस बार की थीम ‘जैंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो’ यानी ‘एक स्थायी कल के लिए लैंगिक समानता’ रखा गया है। 
 

Jyoti

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