आखिर क्यों जाना जाता है श्री हरि को कमल नयन के नाम से ?

Monday, Jul 01, 2019 - 11:11 AM (IST)

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भगवान विष्णु को कई नामों से जाना जाता है, उन्हीं नामों में से एक नाम है उनका कमल नयन। धार्मिक ग्रंथों में भी श्री हरि के इस नाम का उल्लेख मिलता है। लेकिन क्या आप में कोई ये जानता है कि उन्हें इस नाम से क्यों पुकारा जाने लगा? अगर नहीं जानते तो आज हम आपको इसके पीछे जुड़ी कथा के बारे में बताएंगे। वैसे तो कमल नयन का अर्थ होता है, कमल के समान नयनों वाला। 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दैत्यों के अत्याचार से परेशान होकर देवताओं ने भगवान विष्णु से इनका संहार करने की प्रार्थना की। बैकुंठ पति भगवान विष्णु बैकुंठ से वाराणसी आए और ब्रह्म मुहूर्त में मणिकार्णिका घाट पर स्नान करके एक हजार कमल पुष्पों से भगवान शिव का पूजन आरंभ किया। वे मंत्रोच्चार के साथ कमल पुष्प शिवलिंग पर चढ़ाने लगे। जब 999 कमल पुष्प चढ़ाए जा चुके तो भगवान विष्णु ने देखा कि एक कमल का पुष्प गायब था। श्री हरि ने काफी ढूंढा पर वह पुष्प नहीं मिला।

दरअसल, वह पुष्प भगवान शिव ने भगवान विष्णु की परीक्षा लेने के लिए छिपा लिया था। जब भगवान विष्णु ने फूल काफी ढूंढा लेकिन जब वो नहीं मिला तो विष्णु ने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए कमल के फूल की जगह अपनी एक आंख निकालकर चढ़ाई। जब श्री विष्णु ने शिवलिंग पर अपना नेत्र चढ़ा दिया, तभी से उन्हें कमल नयन कहा जाने लगा।

लेकिन इसके बाद भोलेनाथ ने प्रसन्न होकर भगवान विष्णु को तीनों लोकों के पालन की जिम्मेदारी दे दी और विष्णु जी को सुदर्शन चक्र भी प्रदान किया। जिससे श्री हरि विष्णु ने दैत्यों का संहार कर देवताओं को सुख प्रदान किया।

Lata

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