क्यों शनि को प्राप्त है क्रूर ग्रह का दर्जा ?

Saturday, Aug 17, 2019 - 10:51 AM (IST)

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शनि, ये एक ऐसा नाम है जिसका नाम सुनते ही लोग थर-थर कांपने लगते हैं। इसका कारण है शनि देव का क्रूर स्वभाव। अक्सर कहा जाता है शनि बहुत क्रूर स्वभाव वाले हैं। यही कारण है इन्हें क्रूर ग्रह का दर्जा प्राप्त है। कहते हैं इनकी ढैय्या, साढ़ेसाती और महादशा बड़े से बड़े व्यक्ति को घुटनों पर ला देती है। इन्हीं सब मान्यताओं के चलते लगभग लोगों का मानना है कि शनि क्रोधित ग्रह है। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि बुरा ग्रह नहीं है। न ही शनि कभी अकारण किसी को कोई सजा देता है। बल्कि शनि देव न्याय के देवता हैं, ये हमारे कर्मों के अनुसार ही हमें फल देते हैं। अब सोचने वाली बात ये है कि आख़िर क्यों इन्हें क्रूर माना जाता है? तो आइए जानते हैं कि इन्हें ये दर्जा क्यों प्राप्त है और साथ ही जानेंगे शनि के प्रकोप से बचने के लिए हमें अपनी किन आदतों में बदलाव और व्यवहार में परिवर्तन करना चाहिए।

ज्योतिष शास्त्रों में शनि को श्रम, न्याय, गरीब, मज़दूर वर्ग का ग्रह माना जाता है। इसे सेवक का पद प्राप्त है। यही कारण है कि शनि आलस्य, अन्याय और गरीबों व मजदूर वर्ग के शोषण के विरुद्ध माने जाते हैं। शनि श्रम का देवता है इसलिए वो अपने प्रभाव में आने वाले इंसान से अधिकतम श्रम कराता है। इन्हें क्रूर इसलिए माना गया है कि वो आलस और अन्याय होने पर अपने सबसे बुरे परिणाम देता है। बुरे कामों का सारा परिणाम देना शनि का काम है और वो उसमें कोई कोताही नहीं करता। इसलिए, शनि को हमेशा ही क्रूर ग्रह कहा जाता है।
अपनी इन आदतों में करें बदलाव 
ज्योतिष विद्वानों का मानना है कि अगर किसी जातक पर शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती या महादशा चल रही हो और अधिक पूजा-पाठ और उपायों से भी राहत न मिल रही हो तो ऐसी स्थिति में अपनी कुछ आदतों में बदलाव करने की आवश्यकता है। आइए जानें कौन सी हैं वो आदतें-

कहा जाता है कि हमारे शरीर के पैरों और पसीने में शनि का वास माना गया है। इसलिए कहा जाता है कि पैर चलते रहें, मतलब श्रम होता रहे और शरीर से पसीना निकलता रहे। इसके अलावा रात को सोने से पहले नहाने की आदत भी डालें।
कभी भी अपने आप से छोटे कर्मचारियों व मज़दूरों के साथ बुरा व्यवहार न करें न ही उन्हें प्रताड़ित करें। बल्कि जितना हो सके उनका सहयोग दें और मान-सम्मान प्रदान करें।

गरीबों की सहायता करें और गरीब बच्चों की पढ़ाई में मदद करने की आदत डालें।

कुछ लोगों की आदत होती है कि वह हर ज़रूरी काम को टालते रहते हैं। तो अगर आप में भी ये आदत है तो अपनी इस आदत को जल्दी से जल्दी छोड़ दें। जो भी काम हों, प्राथमिकता के आधार पर उसे निपटा दें।

हर मुश्किल का सामना करना सीखें, परिस्थितियों से डरना छोड़ें। हर संकट का डटकर मुकाबला करें। अगर आप परिस्थितियों से भागेंगे तो वो आपको और ज्यादा परेशान करेगी।

Jyoti

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