क्यों महादेव को कहते हैं पशुपति नाथ, जानें असल कारण

Friday, Aug 09, 2019 - 05:40 PM (IST)

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भोलेनाथ, गंगाधर, महेश्वर, शिव शंकर, त्रिलोकीनाथ, विश्वनाथ और इसके अलावा भी भोलेनाथ के कई नाम हैं, जिनसे उनके भक्त उन्हें पुकारते हैं। शास्त्रों में इन सभी नामों के पीछे का कोई न कोई धार्मिक कारण व मान्यता है। मगर बहुत लोग हैं जिन्हें इनका नामों से जुड़ी कथाएं व मान्यताओं के बारे में पता है। सावन का महीना अपने आख़िरी चरम में हैं। बता दें इस बार सावन का पावन महीना 17 जुलाई से शुरु हुआ था जिसका 15 अगस्त को समापन हो जाएगा।

इस दौरान भोलेनाथ के भक्त कांवड़ यात्रा पर भी जाते हैं जिसमें वो पावन नदियों से जलभर देश के प्रचलित शिवलिंगों का अभिषेक करते हैं। मान्यता हैं इस पावन महीने में जिन भक्तों की पूजा का साकार हो जाती हैं उनका जीवन भी जीते जी साकार हो जाता और व तर जाते हैं। इस कांवड यात्रा में प्रभु शंकर के अलग-अलग जयकारों की गूंज सुनाई देती है जिसमें कोई इन्हें महादेव कहता है तो कोई महाकाल। कुछ लोग इन्हें पशुपति नाथ भी कहते हैं। लेकिन इन्हें पशुपति नाथ कहा क्यों जाता है इसका कारण बहुत कम लोग जानते होंगे तो बता दें कि इसके पीछे एक मुख्य कारण है।

जैसे कि सब जानते हैं सावन का महीना अपने साथ लेकर वर्षा का मौसम लेकर आता है। सावन का पूरा महीना मानसून अपने चरम सीमा पर होता है। भारी बारिश के साथ-साथ इस दौरान कई छोटे-बड़े जीव और वनस्पति जन्म लेते हैं। चूंकि भगवान शिव इंसानों के साथ-साथ पशुओं व सभी जीव और वनस्पतियों के भी स्वामी हैं। यही कारण है शिव जी को पशुपतिनाथ के नाम से भी जाना जाता है। शिव जी के प्रमुख प्रख्यात शिव के नामों में से एक पशुपति भी हैं। अगर पशुपति का विच्छेद किया जाए तो इसका अर्थ है पशु का पति यानि पशुओं का पालनकर्ता।

Jyoti

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