इस बार की नाग पंचमी क्यों है इतनी खास ?
punjabkesari.in Monday, Jul 29, 2019 - 05:35 PM (IST)
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हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल नाग पंचमी का पर्व 05 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जाएगा। आपको बता दें कि इस बार पंचमी और सोमवार का शुभ संयोग बन रहा है। यानि इस बार नाग पंचमी सोमवार को पड़ रही है। जैसा कि सब जानते ही हैं कि नागदेव भगवान शिव का आभूषण माना जाता है। ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक सावन सोमवार और नागपंचमी का संयोग संजीवनी महायोग कहलाता है। इससे पहले 16 अगस्त 1993 को यह योग बना था और अब 5 अगस्त के बाद 21 अगस्त 2023 को ये संयोग बनेगा। इस दिन शिव का रुद्राभिषेक पूजन और कालसर्प दोष का पूजन का शुभ योग माना जाता है। चलिए आगे जानते हैं इससे जुड़ी कुछ ओर खास बातें व पूजन टाइम।
पंचमी तिथि- 4 अगस्त शाम 6.48 बजे शुरू होगी तथा 5 अगस्त दोपहर 2.52 बजे तक रहेगी।
नाग पूजन का समय- 5 अगस्त सुबह 6 से 7.37 तक और 9.15 से 10.53 तक रहेगा।
पूजन विधि
ज्योतिषाचार्य के अनुसार नागदेव की पूजा में हल्दी का प्रयोग अवश्य करें। धूप, दीप अगरबत्ती से पूजन करें एवं देवताओं के समान ही मीठा भोग एवं नारियल अर्पण करें। कई लोग इस दिन कालसर्प का पूजन करते है। यह आवश्यक नहीं कि पूजन नाग पंचमी को ही किया जाए। जन्म कुंडली में एक दोष होता है, जिसे काल सर्पदोष कहते हैं। इससे सांप का कोई लेना-देना नहीं है।
नाग की प्रतिमा का पूजन
एक बात हर किसी को ध्यान में रखनी चाहिए कि सपेरे द्वारा पकड़े गए नाग का पूजन करने से बचें। नाग का पूजन सदैव नाग मंदिर में ही करना श्रेष्ठ रहता है। नागपंचमी के दिन सपेरे नाग को पकड़कर उनके दांतों को तोड़ देते हैं। इससे वह शिकार करने लायक नहीं रहता। उसे भूखा रखा जाता है। भूखा सांप दूध को पानी समझकर पीता है। सांप जाे पानी पीता है, उससे पहले से बने घाव में मवाद बन जाता है और बाद में भूख से मर जाता है तो हमें यह पाप करने से बचना चाहिए।