इस व्रत को कहा जाता है ‘व्रतों का राजा’, पढ़ें कथा

Wednesday, Jul 15, 2020 - 08:46 AM (IST)

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Ekadashi: भगवान विष्णु को अत्यन्त प्रिय एकादशी व्रत को सभी व्रतों का राजा कहते हैं। पूर्व काल में मुर दैत्य को मारने के लिए विष्णु के तेज से सम्पन्न और युद्धकला में निपुण एक कन्या भगवान विष्णु के शरीर से प्रकट हुई। उसकी हुंकार मात्र से मुर दैत्य राख का ढेर हो गया। वह कन्या ही एकादशी देवी थी। इससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उससे वर मांगने को कहा।

एकादशी देवी ने वर मांगा,‘‘यदि आप प्रसन्न हैं तो आपकी कृपा से मैं सब तीर्थों में प्रधान, सभी विघ्नों का नाश करने वाली तथा समस्त सिद्धियां देने वाली देवी होऊं। जो लोग उपवास (नक्त और एकभुक्त) करके मेरे व्रत का पालन करें, उन्हें आप धन, धर्म एवं मोक्ष प्रदान कीजिए।’’

भगवान ने वर देते हुए कहा,‘‘ऐसा ही हो। जो तुम्हारे भक्तजन हैं वे मेरे भी भक्त कहलाएंगे।’’

एकादशी व्रत को सभी ‘व्रतों का राजा’ या ‘व्रतों में शिरोमणि’ इसलिए कहते हैं क्योंकि वैकुंठधाम की प्राप्ति कराने वाला, भोग और मोक्ष दोनों ही देने वाला तथा पापों का नाश करने वाला एकादशी के समान कोई व्रत नहीं है। सभी व्रत तथा सभी दान से अधिक फल एकादशी व्रत करने से प्राप्त होता है।

जिस प्रकार देवताओं में भगवान विष्णु, प्रकाश-तत्वों में सूर्य, नदियों में गंगा प्रमुख हैं उसी प्रकार व्रतों में सर्वश्रेष्ठ व्रत एकादशी-व्रत को माना गया है। इस तिथि को जो कुछ दान किया जाता है, भजन-पूजन किया जाता है, वह सब भगवान श्रीहरि के पूजित होने पर पूर्णता को प्राप्त होता है। संसार के स्वामी सर्वेश्वर श्रीहरि पूजित होने पर संतुष्ट होकर प्रत्यक्ष दर्शन देते हैं। इस दिन किया गया प्रत्येक पुण्य कर्म अनंत फल देता है और मनुष्य के सात जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं ।

Niyati Bhandari

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