क्यों लिया था भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार ?

Thursday, May 02, 2019 - 12:29 PM (IST)

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शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है। वे केवल अपने भक्तों द्वारा चढ़ाए गए एक लोटे जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं। असुर हो या देव उन्हें केवल भक्त की भक्ति ही दिखती है। उन्होंने कभी भी अपने किसी भी भक्त में कोई अंतर नहीं किया है। अगर कोई व्यक्ति उन्हें सच्चे मन से उन्हें याद करता है तो वे बहुत आसानी से उसे अपना बना लेते हैं और उसकी हर इच्छा को पूरा करते हैं। इतना ही नहीं भगवान अपने भक्तों के प्राणों की रक्षा भी करते हैं। लेकिन क्या किसी को इस बात का पता है कि भगवान को खुद अपने प्राणों की रक्षा के लिए गुफा में छिपना पड़ा था। अगर नहीं तो चलिए जानते हैं इसके पीछे का रहस्य-  

एक पौराणिक कथा के अनुसार भस्मासुर नाम का एक राक्षस हुआ करता था। वह राक्षस दुनिया का सबसे ताकतवर असुर बनना चाहता था और साथ ही वह पृथ्वी का सबसे शक्तिशाली प्राणी बनकर सभी पर अपना शासन करना चाहता था। अपने इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए उसने शिव जी की कठोर तपस्या की। भोलेनाथ उसकी वर्षों की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर उसके सामने प्रकट हुए। अपने सामने महादेव को खड़ा देख भस्मासुर उनके सामने नतमस्तक हो गया। भगवान शिव ने उसे वरदान मांगने को कहा। भस्मासुर ने पहले तो पहले अमरत्व का वरदान मांगा। परंतु अमर होने का वरदान सृष्टि के नियम के विरुद्ध होने के कारण शंकर भगवान उसकी ये मांग नकार देते हैं। क्योंकि जो भी इस दुनिया में आया है उसे एक न एक दिन जाना ही होगा। तब भस्मासुर अपनी मांग बदलकर एक वरदान मांगा कि जिसके अनुसार वह किसी के भी  सिर पर अपना हाथ रखे वह जलकर भस्म हो जाए। कहते हैं कि जब भस्मासुर को शिव से यह वरदान मिला तो सबसे पहले उसने शिव को ही अपना शिकार बनाया। शिव अपने द्वारा दिए गए वरदान को वापस नहीं ले सकते थे। इसलिए महादेव को स्वयं अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा। जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर भोलेनाथ भगवान विष्णु की शरण में गए और उन्हें पूरी बात बताई।

सारी बात जानने के बाद भगवान विष्णु भस्मासुर का अंत करने के लिए मोहिनी रूप को धरते हैं। भस्मासुर की नजर मोहिनी रूप पर पड़ी। वह इतनी आकर्षक थी कि भस्मासुर अपनी सुध-बुध खो बैठा। वह यह भी भूल गया कि शिव की तलाश क्यों कर रहा था। भस्मासुर ने उस खूबसूरत स्त्री से पूछा कि उसका नाम क्या है? इस पर उस स्त्री ने कहा कि वह मोहिनी है। मोहिनी को देखकर भस्मासुर उसकी खूबसूरती की जाल में बंध गया। उसने मोहिनी से पूछा कि क्या तुम मुझसे विवाह करोगी? मोहिनी जबाव में कहतीं हैं वह एक नर्तकी है। साथ ही वह सिर्फ उसी युवक से विवाह करेगी जो उसकी तरह नृत्य में सबसे आगे हो।

दरअसल भस्मासुर को नृत्य आता नहीं था तो उसने इस कार्य में मोहिनी से मदद मांगी। भस्मासुर ने मोहिनी से पूछा कि क्या वह उसे नृत्य सिखाएगी? इस पर मोहिनी तुरंत तैयार हो गई और उसने कहा कि जैसे-जैसे वह नृत्य करती है वह वीर ठीक उसी प्रकार उससे कदमसे कदम मिलाए। इसके बाद भस्मासुर मोहिनी के कहे अनुसार उसकी तरह नाचने की कोशिश करने लगा। नृत्य सिखाते-सिखाते मोहिनी ने अपना हाथ अपने सिर पर रखा उसे देखकर भस्मासुर ने भी शिव द्वारा दिए वरदान को भूलकर अपने सिर पर हाथ रखा और जलकर भस्म हो गया। 

Lata

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